
हाथरस 05 अक्टूबर । हसायन ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय पोरा और प्राथमिक विद्यालय टोडरपुर में शिक्षकों की लापरवाही और फर्जीवाड़े के गंभीर आरोप सामने आए हैं। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष और पोरा गांव के प्रधान देवेन्द्र कुशवाहा ने खंड विकास अधिकारी से शिकायत कर स्कूलों में हो रही अनियमितताओं की जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उच्च प्राथमिक विद्यालय पोरा का निरीक्षण करने पर पता चला कि अनुदेशक कुलदीप कुमार तो मौजूद थे, लेकिन इंचार्ज प्रधानाध्यापक विवेक समाधिया अनुपस्थित थे। उन्होंने खुद को मेडिकल अवकाश पर बताया, जबकि रजिस्टर में उनकी छुट्टी दर्ज नहीं थी। बच्चों ने बताया कि प्रधानाध्यापक केवल 10-12 दिनों में एक बार स्कूल आते हैं। एमडीएम रजिस्टर की जांच में भी गड़बड़ी मिली। रजिस्टर में 3 अगस्त से कोई छात्र दर्ज नहीं था, लेकिन निरीक्षण के दौरान अचानक 3 और 4 अगस्त के लिए 23 और 25 छात्रों के नाम लिखे गए। जबकि विद्यालय में औसतन 50-55 छात्र आते हैं। अनुदेशक ने स्वीकार किया कि अधिकारियों के दबाव में 80 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति दिखानी पड़ती है। विद्यालय परिसर में पुताई और मरम्मत का कोई कार्य नहीं हुआ, जबकि कंपोजिट ग्रांट मिलने के बावजूद खर्च का कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं था। वहीं, प्राथमिक विद्यालय टोडरपुर के निरीक्षण के समय न तो कोई छात्र था और न कोई शिक्षक। इंचार्ज प्रधानाध्यापक गणेश कुमार और सहायक अध्यापक विकास को फोन किया गया, लेकिन किसी ने कॉल रिसीव नहीं की। ग्रामीणों ने बताया कि विकास दिनभर स्कूल नहीं आए, जबकि गणेश कुमार केवल एक घंटे पहले स्कूल से गए थे। लगभग एक घंटे बाद गणेश कुमार पहुंचे और कहा कि वह पोरा गांव गए थे। जांच में रजिस्टर में पहले से ही फर्जी हस्ताक्षर पाए गए, जिसमें विकास का समय 1:30 बजे और गणेश कुमार का 3:30 बजे दर्ज था। इन स्कूलों में कंपोजिट ग्रांट के गबन, फर्जी हस्ताक्षर, शिक्षक अनुपस्थिति और एमडीएम रजिस्टर में हेराफेरी के आरोप लगे हैं। शिकायतकर्ता देवेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि “यह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। जिन शिक्षकों को पढ़ाने का जिम्मा दिया गया है, वे सरकारी वेतन तो लेते हैं, पर स्कूलों से गायब रहते हैं।” उन्होंने खंड विकास अधिकारी से कड़ी जांच और कार्रवाई की मांग की है ताकि शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सके।










