सासनी 22 अप्रैल | यह शब्द नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन (नीमा) द्वारा आयोजित दशम राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के अवसर पर संगोष्ठी में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में आए केशव लवानिया चीफ विजिलेंस ऑफिसर नॉर्दर्न रेलवे के द्वारा कही गई. उन्होंने यह भी कहा आयुर्वेद विश्व की सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति है जो समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरिजी अमृत आदि वनस्पतियों के साथ प्रकट होने से शुरू हुई ।जैसे आयुर्वेद बीमारी को जड़ से खत्म करती है, ठीक उसी प्रकार समाज में भृस्टाचार भी एक बीमारी है उसको भी हमको समूल नाश करने में सहायता करनी चाहिए।कार्यक्रम में वैद्य पुनितअग्निहोत्री द्वारा मोठे अनाज के सेवन और उससे होने वाले लाभ और अपने जीवन में विशेषरूप से उपयोग करने के लिए कहा।जीवन के आहार बिहार ऋतुचर्या का समन्वय सिर्फ आयुर्वेद में- केशव लवानियां आज यह शब्द नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन (नीमा) द्वारा आयोजित दशम राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के अवसर पर सङ्गोष्ठी में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में आए केशव लवानिया चीफ विजिलेंस ऑफिसर नॉर्दर्न रेलवे के द्वारा कही गई उन्होंने यह भी कहा आयुर्वेद विश्व की सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति है जो समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरिजी अमृत आदि वनस्पतियों के साथ प्रकट होने से शुरू हुई ।जैसे आयुर्वेद बीमारी को जड़ से खत्म करती है, ठीक उसी प्रकार समाज में भृस्टाचार भी एक बीमारी है उसको भी हमको समूल नाश करने में सहायता करनी चाहिए। कार्यक्रम में वैद्य पुनितअग्निहोत्री द्वारा मोठे अनाज के सेवन और उससे होने वाले लाभ और अपने जीवन में विशेषरूप से उपयोग करने के लिए कहा। विशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय आयुर्वेद एवम यूनानी अधिकारी डॉ नरेंद्र कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि प्रत्येक चिकित्सक को अपनी पैथी में चिकित्सा करनी चाहिए जो भी आयुर्वेद चिकित्सक एलोपैथी में चिकित्सा करते है वो शासनादेशानुसार चिकित्सा कार्य करें एवम हाथरस निमा को मैं इस भव्य एवम सफल कार्यक्रम के लिए बधाई देता हूँ। डॉ प्रवीण भारती द्वारा क्षय रोग से संबंधित जानकारी दी तथा सरकार के टीबी उन्मूलन कार्यक्रमौ के बारे में सबसे जागरूक रहने की अपील की। विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत्त जिला जज श्री डी के गर्ग द्वारा उपस्थित चिकित्सकौ को चिकित्सा कानून के विषय में जानकारी दी तथा अपनी अनुभवों को साझा किया। नीमा आगरा के जिलाध्यक्ष डॉ करुणाकर दीक्षित तथा कोर्डिनेटर डॉ गोविंदपाल दवरा अपने वक्तव्य भी दिए।
डॉ नूर मोहम्मद और डॉ राजेश उपाध्याय द्वारा आयुर्वेद में क्षारसूत्र की महत्ता पर प्रकाश डाला नीमा के जिलाध्यक्ष डॉ वीरेंद्र कुमार के द्वारा बताया गया कि सभी चिकित्सको को एकजुटता से रहना चाहिए,और हर परिस्थिति में साथ देना चाहिए चाहे वह किसी भी पैथी मैं चिकित्सा करते हौं। डॉ योगेश गुप्ता और डॉ रवि ने अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम की अध्यक्षता वैद्य स्वदेश अग्रवाल जी ने की। नीमा हाथरस के सचिव डॉ लोकेश शर्मा ने विशेष रूप से यह कहा कि विगत साढ़े तीन वर्षों में नीमा हाथरस ने प्रदेश के अंदर एक मुकाम हासिल किया है तथा हाथरस नीमा समय समय पर कोई न कोई कार्यक्रम समाज व चिकित्सको के हित में करती रहती है। इससे पहले अपना घर आश्रम मैं भी नीमा दवरा दिव्यांग जनों के लिए विशेष कार्यक्रम कर सहयोग कियाथा। नीमा हाथरस में नए बने सदस्यों डॉ शाक्षवी कौशिक,डॉ रवि गौड़, डॉ अंशुल उपाध्याय का कोशाध्यक्ष तथा वरिष्ठ सग्सयों द्वारा पटका पहना कर तथा भगवान धन्वंतरि जी की प्रतिमा प्रदान कर स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ कुणाल वार्ष्णेय और सेकेट्री डॉ लोकेश शर्मा द्वारा संयुक्त रूप से किया।
कार्यक्रम में डॉ मयंक मोहता डॉ धर्मेंद्र उपाध्यायने विशेष सहयोग किया।उक्त कार्यक्रम में विश्व आयुर्वेद परिषद हाथरस शाखा का भी गठन हुआजिसके जिलाध्यक्ष मयंक मोहता,सचिव डॉ अभिषेक,कोषाध्यक्ष डॉ मनोज अरोरा चुने गये।कार्यक्रम में डॉ आशुतोष राजावत डॉ अवधेश वार्ष्णेय डॉ सौरभ उपाध्याय डॉ नीतू सिंह डॉक्टर विकास कुंतल डॉ शशांक अग्रवाल डॉ सौरभ स्वामी डीआर सुदेश शर्मा डॉक्टर ज्ञानवाणी डॉक्टर अखिलेश कुमार डॉ आरके सिंह डॉ महेंद्र कुमार डॉ सुमित सेंगर डॉ डॉ प्रभात डॉ डीके वर्मा होम्योपैथी डॉ योगेश गुप्ता रवि चौधरी डॉ साक्षी डॉ रवि डॉ राजेश उपाध्याय डॉ लिपी उपाध्याय आदि चिकित्सक उपस्थित रहेविशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय आयुर्वेद एवम यूनानी अधिकारी डॉ नरेंद्र कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि प्रत्येक चिकित्सक को अपनी पैथी में चिकित्सा करनी चाहिए जो भी आयुर्वेद चिकित्सक एलोपैथी में चिकित्सा करते है वो शासनादेशानुसार चिकित्सा कार्य करें एवम हाथरस निमा को मैं इस भव्य एवम सफल कार्यक्रम के लिए बधाई देता हूँ।डॉ प्रवीण भारती द्वारा क्षय रोग से संबंधित जानकारी दी तथा सरकार के टीबी उन्मूलन कार्यक्रमौ के बारे में सबसे जागरूक रहने की अपील की।विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत्त जिला जज श्री डी के गर्ग द्वारा उपस्थित चिकित्सकौ को चिकित्सा कानून के विषय में जानकारी दी तथा अपनी अनुभवों को साझा किया।नीमा आगरा के जिलाध्यक्ष डॉ करुणाकर दीक्षित तथा कोर्डिनेटर डॉ गोविंदपाल दवरा अपने वक्तव्य भी दिए।डॉ नूर मोहम्मद और डॉ राजेश उपाध्याय द्वारा आयुर्वेद में क्षारसूत्र की महत्ता पर प्रकाश डाला नीमा के जिलाध्यक्ष डॉ वीरेंद्र कुमार के द्वारा बताया गया कि सभी चिकित्सको को एकजुटता से रहना चाहिए,और हर परिस्थिति में साथ देना चाहिए चाहे वह किसी भी पैथी मैं चिकित्सा करते हौं।
डॉ योगेश गुप्ता और डॉ रवि ने अपने विचार व्यक्त किये।कार्यक्रम की अध्यक्षता वैद्य स्वदेश अग्रवाल जी ने की।नीमा हाथरस के सचिव डॉ लोकेश शर्मा ने विशेष रूप से यह कहा कि विगत साढ़े तीन वर्षों में नीमा हाथरस ने प्रदेश के अंदर एक मुकाम हासिल किया है तथा हाथरस नीमा समय समय पर कोई न कोई कार्यक्रम समाज व चिकित्सको के हित में करती रहती है। इससे पहले अपना घर आश्रम मैं भी नीमा हाथरस दवरा दिव्यांग जनों के लिए विशेष कार्यक्रम कर सहयोग कियाथा।नीमा हाथरस में नए बने सदस्यों डॉ शाक्षवी कौशिक,डॉ रवि गौड़,डॉ अंशुल उपाध्याय का कोशाध्यक्ष तथा वरिष्ठ सग्सयों द्वारा पटका पहना कर तथा भगवान धन्वंतरि जी की प्रतिमा प्रदान कर स्वागत किया।कार्यक्रम का संचालन डॉ कुणाल वार्ष्णेय और सेकेट्री डॉ लोकेश शर्मा द्वारा संयुक्त रूप से किया।कार्यक्रम में डॉ मयंक मोहता डॉ धर्मेंद्र उपाध्यायने विशेष सहयोग किया।उक्त कार्यक्रम में विश्व आयुर्वेद परिषद का भी गठन हुआजिसके जिलाध्यक्ष मयंक मोहता,सचिव डॉ अभिषेक,कोषाध्यक्ष डॉ मनोज अरोरा चुने गये।कार्यक्रम में डॉ आशुतोष राजावत डॉ अवधेश वार्ष्णेय डॉ सौरभ उपाध्याय डॉ नीतू सिंह डॉक्टर विकास कुंतल डॉ शशांक अग्रवाल डॉ सौरभ स्वामी डीआर सुदेश शर्मा डॉक्टर ज्ञानवाणी डॉक्टर अखिलेश कुमार डॉ आरके सिंह डॉ महेंद्र कुमार डॉ सुमित सेंगर डॉ डॉ प्रभात डॉ डीके वर्मा होम्योपैथी डॉ योगेश गुप्ता रवि चौधरी डॉ साक्षी डॉ रवि डॉ राजेश उपाध्याय डॉ लिपी उपाध्याय आदि चिकित्सक उपस्थित रहे