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लखनऊ 27 जुलाई । प्रदेश में बिजली संकट एक बार फिर सुर्खियों में है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त चेतावनी और ऊर्जा मंत्री एके शर्मा की नाराज़गी के बावजूद प्रदेश की विद्युत व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पा रही है। कागज़ों में बिजली की आपूर्ति भरपूर है, लेकिन हकीकत में ग्रामीण क्षेत्रों में मुश्किल से 10 घंटे बिजली मिल रही है, जबकि शहरों में ट्रिपिंग से लोग परेशान हैं। ऊर्जा विभाग के अनुसार प्रदेश में इन दिनों 23,566 मेगावाट की मांग है, जबकि 32,000 मेगावाट आपूर्ति का रिकॉर्ड 10 जून को दर्ज किया गया था। दावा है कि शहरी क्षेत्र में 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में 18.50 घंटे बिजली दी जा रही है, लेकिन वास्तविक आपूर्ति और दावा के बीच 8 घंटे तक का अंतर है। ऊर्जा विभाग की मानें तो उपभोक्ताओं को पर्याप्त बिजली न मिलने के पीछे लोकल फाल्ट, जर्जर लाइनें और कर्मचारियों की भारी कमी जिम्मेदार है। ग्रामीण क्षेत्रों में लाइनें 20 से 30 किमी लंबी हैं, और उन्हें सुधारने में घंटों का समय लग रहा है। एक जेई (जूनियर इंजीनियर) के भरोसे 2-3 उपकेंद्र हैं, जिससे प्रबंधन पूरी तरह चरमरा गया है। राज्य में इस समय 2065 मेगावाट बिजली उत्पादन ठप है। जिसमें कि ओबरा यूनिट-2 (660 मेगावाट) बॉयलर लीकेज के कारण बंद है, ओबरा यूनिट-9 (200 मेगावाट) तकनीकी खराबी से बंद है, हरदुआगंज (105 मेगावाट) और पनकी (660 मेगावाट) कम मांग के चलते 5 अगस्त तक बंद और निजी क्षेत्र की टांडा की 440 मेगावाट की चार यूनिटें भी 31 जुलाई तक बंद है । शैलेंद्र दुबे, अध्यक्ष, ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन का कहना है बिजली है, लेकिन उपभोक्ताओं को नहीं मिल रही, मतलब प्रबंधन फेल है। पेट्रोलमैन के पद खत्म कर दिए गए हैं, लाइनमैन बेहद कम हैं। करीब 20,000 संविदाकर्मियों की छंटनी कर दी गई, जिससे निगरानी तंत्र फेल हो गया। अवधेश कुमार वर्मा, अध्यक्ष, विद्युत उपभोक्ता परिषद का कहना है बारिश के मौसम में ब्रेकडाउन सामान्य है, लेकिन उसके लिए पूर्व रणनीति और निगरानी तंत्र की जरूरत है। यदि रोस्टर खत्म कर 24 घंटे आपूर्ति दी जाए, तो 15-18 घंटे बिजली मिलना तय होगा। डॉ. आशीष कुमार गोयल, अध्यक्ष, पॉवर कॉर्पोरेशन ने कहा फीडर स्तर पर रणनीति बनाई गई है। ट्रांसफार्मर और तारों में सुधार का काम चल रहा है। आरडीएसएस योजना के तहत कार्यों का असर जल्द दिखेगा। उपभोक्ताओं से अनुरोध है कि वे जितनी बिजली लें, उसका बिल भी नियमित चुकाएं।

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