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मथुरा 15 जुलाई । एआई-आधारित टूल्स आज की कॉर्पोरेट दुनिया में आवश्यक हो गए हैं। ये टूल्स न केवल जॉब सीकर्स को उनके प्रोफाइल के अनुसार उपयुक्त नौकरियां खोजने में मदद करते हैं बल्कि साक्षात्कार की तैयारी के लिए मॉक इंटरव्यू, बॉडी लैंग्वेज विश्लेषण और परफॉर्मेंस पर फीडबैक भी देते हैं। एआई आज की जॉब मार्केट में एक मजबूत सहयोगी के रूप में कार्य कर रहा है जो कैंडिडेट की सफलता की सम्भावना को कई गुना बढ़ा सकता है। यह बातें राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट मथुरा द्वारा “जॉब सर्च में एआई का उपयोग” विषय पर आयोजित वर्कशॉप में प्रसिद्ध तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान डुकैट (नोएडा) के दिव्यांक चौहान (एआई ट्रेनर एवं विशेषज्ञ, प्रमाणित तकनीकी प्रशिक्षक) ने एमसीए के छात्र-छात्राओं को बताईं। दिव्यांक चौहान ने छात्र-छात्राओं को बताया कि कैसे एआई का उपयोग जॉब प्रोफाइल को बेहतर मैच करने, रेज़्यूम बिल्डिंग, कवर लेटर जनरेशन, इंटरव्यू तैयारी और जॉब ट्रैकिंग जैसे क्षेत्रों में किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एआई जॉब एप्लिकेशन ट्रैकिंग और मैनेजमेंट को आसान बनाता है। यह न केवल एप्लिकेशन प्रक्रिया को ऑटोमेट करता है बल्कि जॉब अलर्ट्स मैनेज करने, इंटरव्यू प्रश्नों को समझने और बेहतर कंटेंट जनरेशन में भी सहायक सिद्ध हो रहा है। संस्थान के ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट प्रमुख डॉ. विकास जैन ने बताया कि यह वर्कशॉप विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हुई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में एआई जैसे नवीनतम तकनीकी टूल्स से लैस होना ही एक कुशल प्रोफेशनल के लिए बहुत जरूरी है। डॉ. जैन ने कहा कि यह वर्कशॉप विद्यार्थियों की तकनीकी समझ को बढ़ाने में सहायक रही।

आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने वर्कशॉप को उपयोगी बताते हुए कहा कि एआई आज की आवश्यकताओं में शामिल है। डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने कहा कि आज के छात्र-छात्राओं का कौशल भविष्य की जरूरतों के अनुरूप विकसित किया जाना जरूरी है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को जिस प्रकार की प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है, उसमें केवल डिग्री पर्याप्त नहीं है। उन्हें तकनीकी दक्षता, त्वरित निर्णय क्षमता और एआई जैसे उन्नत टूल्स की जानकारी होना आवश्यक है। संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने कहा कि राजीव एकेडमी का सदैव यह प्रयास रहता है कि यहां अध्ययन करने वाले विद्यार्थी सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित न रहें  बल्कि उन्हें व्यावसायिक और तकनीकी रूप से भी सशक्त किया जाए। एआई आधारित यह वर्कशॉप उसी दिशा में एक पहल है। उन्होंने कहा कि भविष्य की इंडस्ट्री में टिके रहने के लिए इस प्रकार की स्किल्स अब विकल्प नहीं बल्कि अनिवार्यता है। डॉ. भदौरिया ने कहा कि यह वर्कशॉप विद्यार्थियों के आत्मविकास और डिजिटल दक्षता को बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगी।

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