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अलीगढ़ 11 जुलाई । खेती-किसानी के परंपरागत तौर-तरीकों में कृषि वैज्ञानिक प्रक्रिया को शामिल कर उत्पादन में गुणवत्तापूर्ण बढोतरी की जानी चाहिए। यह बात मंगलायतन विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित किसान-वैज्ञानिक संगोष्ठी में वरडिसियन लाइफ सांइसेस की मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्लेयर डोयल ने कही। मंगलायतन विश्वविद्यालय और वरडिसियन लाइफ सांइसेस के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किसान वैज्ञानिक संवाद और कृषक संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के तौर पर अमेरिका से पधारी क्लेयर डोयल ने कहा कि भारत जैसे विकासशील देश में कृषि लागत को कम करने और उत्पादन को सतत बढ़ाने की जरूरत है। क्लेयर डोयल ने अपने वक्तव्य में किसानों को आश्वासन दिया कि वरडिसियन लाइफ सांइसेस बेसवा और इगलास क्षेत्र के किसानों की आर्थिक उन्नति के लिए कार्यक्रम चलाने के लिए गांवों का चयन करेगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मंगलायतन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीके दशोरा ने किसानों से कृषि के क्षेत्र में तकनीकी दक्षता बढ़ाने का आह्वान किया। कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह ने स्वगत भाषण में कहा कि वैज्ञानिक तरीके से खेती करके कृषक फसल की अच्छी पैदावार ले सकते हैं। वहीं आर के गोयल और सुधीर शिंदे ने वरडिसियन लाइफ सांइसेस के कृषि उत्पादों की उपयोगिता से अवगत कराया। मंगलायतन विश्वविद्यालय के कृषि विभाग के अध्यक्ष प्रो प्रमोद कुमार ने खरीफ की फसलों पर नवोन्मुखी तकनीक को अपनाने की बात कही। तकनीकी सत्र को अक्षय खुराना ने संबोधित किया जबकि कृषि वैज्ञानिक संवाद में अलीगढ़ के पूर्व जिला कृषि अधिकारी सुखबीर सिंह ने किसानों के सवालों के जवाब दिए। किसान-वैज्ञानिक संवाद और कृषिक संगोष्ठी में क्षेत्रीय किसानों, प्रो. राजीव शर्मा, प्रो. वेद रतन, डा. संजय सिंह, डा. पवन कुमार सिंह, डा. मयंक प्रताप, डा. प्रत्यक्ष पांडेय, डा. विपिन कुमार, डा. कृष्ण कुमार, रोशन लाल, सुरजीत शर्मा सहित कृषि विभाग के विद्यार्थी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डा. आकांक्षा सिंह ने किया।

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