सिकंदराराऊ (हसायन) 06 अप्रैल । कस्बा के बांण अब्दुलहईपुर मार्ग स्थित मोहल्ला दखल शीशग्रान कछियान कलां में भारत के प्राचीन चक्रवती सम्राट अशोक महान की जयंती सादगी सदभाव के साथ मनाई गई।कस्बा के प्राचीन शिव महादेव टुकिया मंदिर परिसर में चक्रवती सम्राट अशोक महान की जयंती पर उनके अनुयाईयो के द्वारा घर घर गली मुहल्लों में मोमबत्ती प्रज्जवलित कर रोशन कर दीपोत्सव जैसा वातावरण कर दिया।चक्रवती सम्राट अशोक महान की जयंती पर उनके अनुयाईयो के द्वारा छायाचित्र पर रोली अक्षत से तिलक कर पुष्प माला पहनाकर केक काट गई।चक्रवती सम्राट अशोक महान के अनुयाईयो ने कहा कि चक्रवती सम्राट अशोक महान भारतीय मौर्य राजवंश के महान सम्राट थे,चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान का शासन कार्यकाल दो सौ उन्हत्तर से दो सौ बत्तीस ईसवीं तक रहा।चक्रवती सम्राट अशोक महान उत्तर में हिन्दू कुश तक्षशिला की श्रेणियो से लेकर दक्षिण में गोदावरी नदी सुवर्ण गिरी पहाडी के दक्षिण में मैसूर,पूरब में बांग्लादेश पाटिलपुत्र से पश्चिम में अफगानिस्तान,ईरान,बुलचिस्तान तक अपनी सत्ता कायम की थी।राजा चक्रवर्ती सम्राट अशोक नाम से अशोक महान नही थे,उन्होने चारों दिशाओं में भारतीय ध्वज पताका फहराकर देश का कीर्तिमान स्थापित किया था।चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान राजा बिंदुसार रानी धर्मा के पुत्र थे।जिनका साम्राज्य भारत,नेपाल,अफगानिस्तान,कंधार तक फैला हुआ था।कलिंग युद्ध के बाद चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान का मन लोगों के नर संहार को देख विचलित हो उठा था,और चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान उसी क्षण राज धर्म को छोडकर भगवान बुद्ध की शरण ली।चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान की जयंती पर उनके अनुयाईयो के द्वारा चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान के जयकारे भी लगाए।कायक्रम में शिक्षक सुरेश चन्द्र कुशवाहा,मोरमुकुट कुशवाहा,किशनलाल कुशवाहा,मिथुन जाटव,विजय जाटव,हरी सिंह कुशवाहा,कैलाश कुशवाहा,सुरेश प्रताप सिंह कुशवाहा,अशोक कुशवाहा,निरंजन कुशवाहा,पुनीत कुशवाहा,केशव कुशवाहा,श्याम कश्यप पूर्व सभासद,कुलदीप दिवाकर सभासद सहित तमाम अनुयाई मौजूद रहे।