हाथरस 02 अप्रैल । भारत और चीन अपने कूटनीतिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इस अवसर पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बधाई संदेश भेजा। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को आपसी सहयोग बढ़ाते हुए मिलकर काम करना चाहिए। दोनों देशों की ओर से औपचारिक रूप से बधाई संदेशों का आदान-प्रदान किया गया।
भारत-चीन: प्राचीन सभ्यताएँ और विकासशील राष्ट्र
चीन की ओर से कहा गया कि भारत और चीन प्राचीन सभ्यताएँ हैं और वैश्विक दक्षिण के महत्वपूर्ण विकासशील राष्ट्रों में शामिल हैं। दोनों देश वर्तमान में आधुनिकीकरण के महत्वपूर्ण चरणों से गुजर रहे हैं। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि भारत और चीन के प्रतीकात्मक जानवर, ड्रैगन और हाथी, एक साथ “टैंगो” करें यानी आपसी समन्वय और सहयोग को बढ़ाएँ।
संयुक्त डाक टिकट लिफाफा : ऐतिहासिक विरासत का प्रतीक
भारत-चीन कूटनीतिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर, अप्रैल 2000 में, भारत और चीन ने संयुक्त रूप से एक डाक टिकट लिफाफा जारी किया था। यह ऐतिहासिक लिफाफा डाक टिकट संग्रहकर्ता शैलेन्द्र वार्ष्णेय सर्राफ के संग्रह में मौजूद है।
इस लिफाफे पर भारत और चीन के राष्ट्रीय ध्वज अंकित हैं। भारतीय शेर टिकट पर भारत के झंडे में अशोक चक्र और पोस्ट ऑफिस की मोहर दिखाई देती है। इसके साथ ही, टिकट पर प्रसिद्ध “सफेद घोड़ा मंदिर” के घोड़े का चित्र भी छपा हुआ है। चीन की ओर से इस लिफाफे पर चीन की महान दीवार की छवि और चीनी भाषा में विवरण अंकित है। यह दुर्लभ डाक टिकट लिफाफा शैलेन्द्र सर्राफ को सन 2000 में दिल्ली में एक प्रदर्शनी के दौरान प्राप्त हुआ था।
भारत: सहिष्णुता और मित्रता का प्रतीक
यह ऐतिहासिक डाक टिकट लिफाफा इस बात का प्रमाण है कि भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ हमेशा मित्रतापूर्ण संबंध बनाए रखने के लिए तत्पर रहता है। भारत एक सहिष्णु राष्ट्र है जो अपने पड़ोसी देशों के सुख-दुःख में सहभागी बनता है और सदैव शांतिपूर्ण संबंधों को प्राथमिकता देता है।