Hamara Hathras

Latest News

हाथरस 20 नवम्बर। सरकार  द्वारा युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और प्रदेश में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास  योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना का उद्देश्य प्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों एमएसएमई को गति प्रदान करना, रोजगार सृजन करना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। इस योजना के माध्यम से अगले 10 सालों में उत्तर प्रदेश में 10 लाख नई सूक्ष्म इकाइयों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत युवाओं को उद्यमिता की दिशा में प्रोत्साहित किया जाएगा और उन्हें अपने स्वयं के उद्योग स्थापित करने के लिए पांच लाख रुपए तक का ब्याज-मुक्त लोन चार सालों के लिए दिया जाएगा। आगामी 10 वर्षों की समयावधि में 10 लाख नई सूक्ष्म इकाईयां इकाईयां स्थापित किये जाने हेतु राज्य सरकार द्वारा” मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना” को प्रारम्भ किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है।

योजना की प्रमुख विशेषताएं और पात्रता

इस योजना के अंतर्गत 21 से 40 वर्ष आयु के युवा आवेदन कर सकते हैं. आवेदक का उत्तर प्रदेश का निवासी होना अनिवार्य है। शैक्षिक योग्यता में न्यूनतम आठवीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए। इसके साथ ही आवेदक का कौशल से संबंधित किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से प्रमाणपत्र, डिप्लोमा या डिग्री होनी चाहिए या वह सरकार द्वारा संचालित प्रशिक्षण योजनाओं का लाभार्थी होना चाहिए।

उद्योग और सेवा क्षेत्र के लिए वित्तीय सहयोग

यह है आवेदन की प्रक्रिया 

इस योजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिए एमएसएमई डॉट यूपी डॉट जीओवी डॉट इन ऑनलाइन पोर्टल पर या जिला उद्योग केंद्र के कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान योजना के माध्यम से युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और प्रदेश में आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने की यह योजना एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना न केवल युवाओं को अपने सपनों को साकार करने का अवसर प्रदान करेगी, बल्कि प्रदेश में रोजगार सृजन और पूंजी निवेश को भी बढ़ावा देगी।

योजना का उद्देश्य एवं शर्ते इस प्रकार हैं-
1. आवेदक जनपद का निवासी होना चाहिए एवं आवेदक की आयु 21 वर्ष से 40 वर्ष होनी चाहिए।
2. आवेदक की शैक्षिक योग्यता न्यूनतम कक्षा आठ होनी चाहिए। इण्टरमीडिएट उत्तीर्ण अथवा समकक्ष को वरीयता दी जायेगी।
3. आवेदक सरकार द्वारा संचालित योजनाओं यथा-विश्वकर्मा श्रम सममान योजना, एक जनपद एक उत्पाद प्रशिक्षण एवं टूलकिट योजना, अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग प्रशिक्षण योजना, उत्तर प्रदेश स्किल डवलपमेन्ट मिशन द्वारा संचालित कौशल उन्नयन आदि में प्रशिक्षित हो अथवा किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय / शैक्षिक संस्थान से कौशल सम्बन्धी सर्टीफिकेट कोर्स/डिप्लोमा/डिग्री प्राप्त / अन्य तकनीकी शिक्षा को वरीयता दी जायेगी।
4. पूर्व में पी०एम० स्वनिधि योजना के अतिरिक्त राज्य अथवा केन्द्र सरकार द्वारा संचालित किसी अन्य योजना में ब्याज अथवा पूंजी उत्पादन का लाभ न लिया हो/आकांक्षात्मक विकास खण्ड के अभ्यार्थियों को वरियता प्रदान की जायेगी।
5. मिशन योजनान्तर्गत ऐसी परियोजनाएं ऋण अनुदान हेतु अनुमन्य नहीं होगी जो निगेटिव लिस्ट तम्बाकू, गुटखा, पान, पटाखों आदि के निर्माण के अन्तर्गत आती हो।
योजनान्तर्गत वित्त पोषण-
1. उद्योग एवं सेवा क्षेत्र की अधिकतम रू 5 लाख तक की परियोजनाओं के ऋण पर परियोजना लागत का शत-प्रतिशत ब्याज उपादान वित्त पोषण की तिथि से अगले 4 वर्षों के लिए दिया जायेगा। कुल परियोजना लागत का न्यूनतम 10 प्रतिशत टर्मलोन के रूप में होना अनिवार्य होगा। परियोजना में भूमि-भवन का कय सम्मिलित नहीं होगा। सामान्य वर्ग के लाभार्थियों का परियोजना लागत का 15 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग के लाभार्थियों के लिए 12.5 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति/जनजाति/दिव्यांगजन के लाभार्थियों के लिए 10 प्रतिशत स्वयं का अंशदान के रूप में जमा करना होगा।
2. लाभार्थी को परियोजना लागत अथवा अधिकतम रू 5 लाख जो कम हो का 10 प्रतिशत मार्जिन मनी सब्सिडी के रूप में दिया जायेगा। अनुदान बैंक इण्डेड होगा।
3. द्वितीय चरण (विस्तारीकरण) की परियोजना लागत अधिकतम रू0 10 लाख हो सकेगी तथा प्रथम स्टेज में लिए गये ऋण को अधिकतम दोगुना अथवा रू 7.50 लाख, जो भी कम हो, की ऋण धनराशि पर 50 प्रतिशत ब्याज उपादान वित्त पोषण की तिथि से अगले 3 वर्षों के लिए दिया जायेगा। द्वितीय चरण की परियोजना में कोई मार्जिन मनी सब्सिडी देय नहीं होगी। योजना से सम्बन्धित जानकारी के लिए कार्यालय-उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केन्द्र रावत कॉलोनी में सम्पर्क किया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Posts

You cannot copy content of this page