सासनी 01 सितंबर । जिलाधिकारी राहुल पांडेय की निदेशन एवं जिला प्रोबेशन अधिकारी सीमा मौर्या की नेतृत्व में विकास खण्ड सासनी में ब्लॉक बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ व बाल विवाह टास्कफोर्स की बैठक का आयोजन खंड विकास अधिकारी श्री सुरेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में किया गया जिसमें उनके द्वारा बाल संरक्षण योजना को बाल हित में बहुत उपयोगी बताया गया, बच्चे हमारे देश के भविष्य बताते हुए उनके उज्जवल भविष्य के लिए लगातार कार्य करने की प्रेरणा दी साथ ही बालक और बालिकाओं को समान अधिकार देने तथा महिलाओं-बच्चों की सुरक्षा/ संरक्षण और सम्मान देने के लिए प्रेरित किया ।
सहायक बाल विकास परियोजना अधिकारी ममता शर्मा ने ग्राम स्तर पर ग्राम बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की त्रैमासिक बैठक करने हेतु बैठक में उपस्थित समस्त आंगनबाड़ी कार्यकत्री को निर्देशित किया गया। सहायक विकास अधिकारी ( पंचायत) बिहारी लाल ने सरकार द्वारा चलाई जा रही समस्त योजनाओं को पात्र लाभार्थी तक पहुंचाने हेतु आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्रेरित किया गया ।
महिला कल्याण विभाग की जिला बाल संरक्षण इकाई से संरक्षण अधिकारी विमल कुमार शर्मा ने उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य, किशोर न्याय अधिनियम 2015, बाल श्रम, एक युद्ध नशे के विरुद्ध, दत्तक ग्रहण, पोक्सो अधिनियम 2012, एवं बाल विवाह अधिनियम 2006 की अंतर्गत 18 वर्ष से कम उम्र की बालिका एवं 21 वर्ष से कम उम्र के बालक का विवाह न कराये जाने की अपील कर जागरूक किया गया तथा बाल विवाह होने के कारण एवं उसके दुष्परिणामों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए कहा सामाजिक कुरीतियां, आर्थिक स्थिति , प्रथाएं एवं परम्पराओं के कारण बाल विवाह कर दिया जाता है। जिसके कारण बालिकाओं को शक्ति, परिपक्वता न होने के कारण घरेलू हिंसा, शिक्षा से वंचित हो जाना, गम्भीर बीमारी से ग्रसित होना तथा मातृत्व सम्बन्धित एवं शिशु मृत्यु की दर भी बढ़ जाती हैं। बाल विवाह की जानकारी होने पर चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर 1098 (24 Hours Toll Free) महिला हेल्पलाइन नम्बर -181 (24 Hours Toll Free) पर सूचित करने के साथ ही पास के पुलिस थाने में अथवा 112- इमरजेंसी नम्बर पर सूचना दिये जाने को जागरूक किया गया। उन्होने यह भी बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की धारा – 9 एवं 10 के अन्तर्गत बाल विवाह सम्पादित किये जाने पर 1 लाख रुपये का जुर्माना अथवा 2 वर्ष तक की सजा हो सकती है।
वन स्टॉप सेंटर की केस वर्कर नीलम पौरुष ने वन स्टाप सेंटर की कार्यप्रणाली एवं वहां प्राप्त होने वाली सेवाओं कानूनी सहायता, अस्थाई आश्रय, मनोसामाजिक परामर्श, चिकित्सीय सहायता एवं पुलिस सहायता के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई इसके साथ दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961, घरेलू हिंसा की जानकारी दी गई। स्वास्थ्य विभाग से रजनीश कुमार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं से सम्बंधित योजनाओं के बारे मे जानकारी दी गई। बैठक में थाने के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी महिला कल्याण विभाग से आउटरीच वर्कर बंटी कुशवाह एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ती आदि उपस्थित रहे ।