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हाथरस (मुरसान) 13 अक्टूबर । आज खाद व्यापारी अमित अग्रवाल के एक गोदाम को सील कर दिया। प्रशासन का कहना है कि गोदाम का रजिस्ट्रेशन नहीं था और यह नियम के विरुद्ध संचालित हो रहा था। गोदाम सील होने के दौरान मौके पर कई व्यापारी एकत्रित हो गए और उन्होंने प्रशासन की इस कार्रवाई पर रोष व्यक्त किया। यह गोदाम उस समय सुर्खियों में आया था, जब 9 अक्टूबर को अमित अग्रवाल के घर पर दो बदमाशों ने लूटपाट का प्रयास किया था। पुलिस ने 10 अक्टूबर को इस घटना का खुलासा करते हुए इगलास के गांव बड़ाकलां निवासी सोनू और देव को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था। इस मुठभेड़ में सोनू के पैर में गोली लगी थी। नायब तहसीलदार ने बताया कि गोदाम का रजिस्ट्रेशन नहीं था और यह नियमों का उल्लंघन कर रहा था।

पुलिस की मुठभेड़ के खिलाफ सोनू के परिवार और कुछ किसान संगठनों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया था। उन्होंने मुठभेड़ को फर्जी बताया और सांसद रामजीलाल सुमन ने भी पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल उठाए थे। सोनू के परिवार का कहना है कि कोई लूटपाट नहीं हुई थी, बल्कि सोनू एडवांस की रकम मांगने गए थे, जिस पर व्यापारी ने इनकार किया। उन्होंने व्यापारी पर कालाबाजारी का भी आरोप लगाया। इस पूरे विवाद के बीच, पुलिस अधीक्षक ने थाना अध्यक्ष ममता सिंह का तबादला कर दिया था। आज नायब तहसीलदार के नेतृत्व में प्रशासन ने गोदाम का निरीक्षण किया और पंजीकरण न होने के कारण उसे सील कर दिया।

वहीं जिला कृषि अधिकारी निखिल देव तिवारी का कहना है कि मंगलवार को नायब तहसीलदार प्रतीक्षा कटारा, राहुल प्रताप सिंह, शिवराज सिंह द्वारा संयुक्त रूप से मुरसान स्थित उर्वरक विक्रेता मै. रघुवर दयाल रामसेवक के यहां आकस्मिक छापेमारी की गयी। इस दौरान फर्म के अभिलेखों पर गोदाम का अंकन न होने के कारण दो गोदामों को सील कर, दो नमूना लिये गये हैं। निखिल देव तिवारी ने किसानों से कहा है कि उर्वरक बिक्री केन्द्रों पर उर्वरक खरीद करते समय आधार कार्ड, जमीन की खतौनी की छायाप्रति अवश्य लेकर जाये। उन्होंने विक्रेताओं को निर्देशित किया है कि स्टॉक बोर्ड पर स्टॉक व उर्वरक दर अवश्य अंकित करें, स्टॉक व बिक्री रजिस्टर दैनिक रूप से पूर्ण करें। उर्वरक की बिक्री पॉस मशीन के द्वारा ही करें। कृषक की जोत के अनुसार ही उर्वरक उपलब्ध करायें। साथ ही कृषक की मांग के अनुसार ही नेनो यूरिया, नेनो डीएपी, जिंक, जाइम, सल्फर, माइक्रोन्यूट्रिएंट आदि उत्पाद कृषकों को उपलब्ध कराये। यूरिया, डीएपी के साथ अन्य उत्पादों की टैगिंग करने व निर्धारित दरों से अधिक बिक्री करने पर उर्वरक विक्रेताओं के विरूद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी।

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