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हाथरस 14 सितंबर । प्रांतीय एवं 114वें मेले श्री दाऊजी महाराज में एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक ह्यूमन राइट्स (ADHR) के तत्वावधान में विशाल मानव अधिकार जागरूकता सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन का मुख्य विषय सनातन संस्कृति और मानव अधिकार रहा, जिसमें वक्ताओं ने सनातन धर्म के मूल्यों और आधुनिक मानवाधिकारों के आपसी संबंध पर अपने विचार साझा किए। अध्यक्ष बाल कल्याण समिति दिल्ली सरकार एवं राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से सेवानिवृत्त ओमप्रकाश व्यास ने कहा कि ऋग्वेद से लेकर आधुनिक काल तक मानवीय अधिकारों की अवधारणा भारतीय परंपरा में गहराई से निहित रही है। उन्होंने बताया कि सनातन धर्म का अहिंसा, समानता और न्याय का सिद्धांत ही आधुनिक मानवाधिकारों की नींव है। प्रो. (डा.) सरोज व्यास (डायरेक्टर FIMT एवं ADHR महिला प्रकोष्ठ राष्ट्रीय अध्यक्ष) ने कहा कि सनातन परंपरा में अधिकार कर्तव्यों से जुड़े होते हैं। जब कर्तव्य पूरे होते हैं, तभी अधिकार सुरक्षित रहते हैं।जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा उपाध्याय ने कहा कि सती-प्रथा और जाति व्यवस्था जैसी पुरानी कुरीतियाँ मानवाधिकारों का उल्लंघन थीं, लेकिन सुधार आंदोलनों ने इन्हें समाप्त कर समाज को नई दिशा दी। सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट पुष्पेंद्र वीर प्रताप सिंह ने कहा कि आधुनिक मानवाधिकार भारतीय दर्शन और सनातन मूल्यों से गहराई से जुड़े हैं, जिन्हें आज भी समाज में लागू किया जा सकता है। संयोजक प्रवीन वार्ष्णेय ने कहा कि सनातन धर्म को मानवाधिकारों के विपरीत मानना गलत है। यह तो समानता, न्याय और सभी प्राणियों के सम्मान पर आधारित है। जिला समाज कल्याण अधिकारी एवं समन्वयक डा. सरिता सिंह ने कहा कि हमें अपने कर्तव्यों का पालन कर समाज को नई दिशा देनी चाहिए।

हिंदी दिवस के अवसर पर कवयित्री उन्नति भारद्धाज ने सरस्वती वंदना और हिंदी पर कविता प्रस्तुत कर खूब तालियां बटोरीं। आयोजन समिति ने उनका सम्मान भी किया। राष्ट्रीय पदाधिकारी मोहन लाल अग्रवाल, देवेन्द्र गोयल, सत्यनारायण वार्ष्णेय, हिमांशु बिडला सहित बड़ी संख्या में गणमान्य अतिथि सम्मेलन में शामिल हुए। सभा को संबोधित करने वालों में डा. पी.पी. सिंह, उपवेश कौशिक, खुशी चौधरी, लक्ष्य उपाध्याय आदि शामिल रहे। सम्मेलन में जिले व आसपास से सैकड़ों लोगों की उपस्थिति रही। इस अवसर पर उपवेश कौशिक, शैलेन्द्र साँवलिया, कमलकान्त दोबराबाल, अमित गर्ग, श्याम वार्ष्णेय, राम वार्ष्णेय, सौरभ सिंघल, डॉ. पी.पी. सिंह, केशव देव अरोरा, मनोज वर्मा, मनोज वार्ष्णेय, आशीष सेंगर, दीपक शर्मा, नरेंद्र मोहन शर्मा, शिव शंकर गुलाटी, उद्धव कृष्ण शर्मा, अनिल अग्रवाल (तेल वाले) सहित अनेक गणमान्य अतिथि मौजूद रहे। महिला इकाई से प्रमुख उपस्थिति में — जिलाध्यक्ष सोनल अग्रवाल, पूजा वार्ष्णेय, शालनी अग्रवाल, कविता गोयल, चित्रा वार्ष्णेय, नीरू वार्ष्णेय, शशीवाला अग्रवाल, मधुलिका शर्मा, गीता गुप्ता, नेहा अग्रवाल, प्रभा वार्ष्णेय, ईशा, पिंकी वार्ष्णेय, आशू वार्ष्णेय, रूचि गुप्ता, पूजा वार्ष्णेय, रितु जैन, मुक्ति जैन आदि शामिल रहीं।

अन्य जनपदों से भी बड़ी संख्या में पदाधिकारी पहुंचे, जिनमें कासगंज जिलाध्यक्ष सुनील विजय, विजय राठी, वरुण चोला, अमापुर अध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता, प्रमोद कुमार गुप्ता, आकाश गुप्ता, भीष्म पाल सिंह, निधौलीकलां अध्यक्ष गगन गुप्ता प्रमुख रहे। इसके अलावा अनिल बौहरे, अनिल वार्ष्णेय (तेल वाले), रामगोपाल दीक्षित, शिवशंकर गुलाठी, सुरेश चंद्र अग्रवाल, सुरेंद्र वार्ष्णेय, मनोज (राया वाले), तरुण पंकज, नितिन वार्ष्णेय, राजेन्द्र नाथ चर्तुवेदी, सचिन अग्रवाल, राजीव वार्ष्णेय, योगेश वार्ष्णेय, चंदन वार्ष्णेय, सतेन्द्र सिंह, डौली सिंह, सुरेंद्र केवठ, हिमांशु सेंगर, रितु कौशिक, नेहा शर्मा, प्रिया यादव, स्वेता, श्रुति, ज्योति, रश्मि, मनोरमा आदि विशिष्ट लोग भी मौजूद रहे। सम्मेलन के दौरान गंभीर विमर्श, कविताओं और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने इसे यादगार बना दिया।

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