अलीगढ़ 25 जुलाई । मंगलायतन विश्वविद्यालय में वीर शासन जयंती मनाई गई। कार्यक्रम का आयोजन मंगलायतन विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश जैन विद्या शोध संस्थान, लखनऊ (संस्कृति विभाग) व तीर्थधाम मंगलायतन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इस दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय ‘‘विश्व शांति में अहिंसा और अनेकांत की उपयोगिता’’ था। जो वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में अत्यंत प्रासंगिक है। गोष्ठी का उद्देश्य भगवान महावीर के उपदेशों अहिंसा व अनेकांत की विचारधारा को समझना था। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया।
स्वागत भाषण में कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए यह गौरव की बात है कि संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के सहयोग से राष्ट्रीय संगोष्ठी के लिए मंगलायतन विश्वविद्यालय का चयन किया गया। मुख्य वक्ता लाल बहादुर शास्त्री संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रो. वीर सागर जैन ने कहा कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में विश्व शांति कायम करने में अहिंसा और अनेकांतवाद की विशेष भूमिका है। जब हम दूसरे की भावना को नहीं समझते हैं तो हिंसा बढ़ती है। मुख्य अतिथि बनारस विश्वविद्यालय के जैन फिलोस्फी के डीन प्रो. प्रद्युम्न शाह ने कहा कि जैन जीवन शैली में विश्व कल्याण की भावना निहित है। उन्होंने कहा कि विश्व शांति में अहिंसा और अनेकांत की उपयोगिता से दुनिया के देश आपसी तनाव और युद्धों से बच सकते हैं। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए मंविवि के कुलपति प्रो. पीके दशोरा ने कहा कि इस संगोष्ठी में अहम विषयों पर विचार-विमर्श हुए। विश्व शांति में अहिंसा और अनेकांत की उपयोगिता पर इस तरह के विचार जीवित रहने चाहिए। उन्होंने विचार विमर्श के साथ-साथ व्यवहार से तालमेल बिठाकर अहिंसा और शांति के मार्ग पर चलने का आह्वान किया। जैन विद्या शोध संस्थान के उपाध्यक्ष प्रो. अभय कुमार जैन ने अहिंसा के पालन के लिए अनेकांत के माध्यम से समझना बेहद महत्वपूर्ण है। जैन विद्या शोध संस्थान के निदेशक डा. अमित कुमार अग्निहोत्री, तीर्थधाम मंगलायतन के मुख्य ट्रस्टी अनिल जैन व सुधीर शास्त्री ने भी अहिंसा पर विस्तार से अपने विचार रखे। इस दौरान डा. सतेंद्र जैन की पुस्तक ‘तत्वार्थ सुधा’ का भी विमोचन किया गया। संगोष्ठी में जैन समाज के प्रबुद्ध लोगों सहित प्रो. अनेकांत जैन, मनीष जैन, योगेंद्र सहित विश्वविद्यालय के शिक्षकगण, अधिकारी एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।संचालन एंजिला फातिमा और मयंक जैन ने किया। कार्यक्रम का आयोजन तीन सत्रों में किया गया। द्वितीय दिवस कार्यक्रम तीर्थधाम मंगलायतन, सासनी (हाथरस) में होगा।