कार्यक्रम का शुभारंभ ज्ञान की देवी मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित करके किया गया। देवादित्य, मुस्कान, बिट्टू, ज्ञानेंद्र ने सरस्वती वंदना व कुल गीत की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. पीके दशोरा ने कहा कि शिक्षक दिवस के अवसर पर मंगलायतन विश्वविद्यालय की स्थापना का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना और विद्यार्थियों में ज्ञान, कौशल, और नैतिक मूल्यों का विकास करना है। विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य विद्यार्थियों को एक ऐसा मंच प्रदान करना है, जहां वे अपने सपनों को साकार कर सकें। उन्होंने मार्मिक तरीके से गुरु के महत्व को समझाते हुए कहा कि गुरु अच्छे बुरे की समझ के लिए दृष्टि, ऊँची उड़ान भरने के लिए पंख, परम तत्व को प्राप्त करने के लिए शक्ति प्रदान करता है। कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में विद्यार्थियों ने नृत्य, गीत व संगीत की त्रिवेणी प्रवाहित की। जिसमें ज्ञानेंद्र व तनिष्का ने नृत्य, लुभांशी, खुशी, वैभवी ने समूह नृत्य व पर्व, मुस्कान, अंकुर ने समूह गीत की प्रस्तुति दी।
इस विशेष अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रति समर्पण और मेहनत के साथ शिक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए शिक्षकों व कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। जिसमें विशिष्ठ शैक्षणिक दक्षताओं के लिए शुभम शर्मा को प्रथम, डा. किशनपाल सिंह को द्वितीय व यादवेंद्र सिंह ठेनुआ को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कुलपति के साथ ही कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह, संयुक्त कुलसचिव प्रो. दिनेश शर्मा, वित्त अधिकारी मनोज गुप्ता, प्रशासनिक अधिकारी गोपाल राजपूत ने सभी शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा आपकी मेहनत और समर्पण से ही विश्वविद्यालय बड़े मुकाम पर पहुंचा है। डीन एकेडमिक प्रो. राजीव शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया। संचालन याशिका गुप्ता ने किया।