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सादाबाद 30 सितंबर । श्री रामलीला समिति द्वारा आयोजित रामलीला मंचन के दौरान सोमवार देर रात लंका दहन का भव्य प्रदर्शन किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु लंका दहन देखने उमड़ पड़े और ‘जय श्री राम’, ‘जय हनुमान’ के नारे लगाए। सीता माता की खोज करते हुए हनुमान जी लंका पहुंचे। उन्होंने अशोक वाटिका को तहस-नहस कर दिया और रावण के कई सैनिकों के साथ उसके पुत्र अक्षय कुमार का वध किया। इसके बाद मेघनाद (इंद्रजीत) ने ब्रह्मास्त्र का प्रयोग कर हनुमान जी को बंदी बना लिया और उन्हें रावण के दरबार में प्रस्तुत किया गया। रावण और हनुमान जी के बीच तीखा संवाद हुआ, जिसमें हनुमान जी ने रावण को श्रीराम की शरण में जाने और सीता माता को लौटाने की चेतावनी दी। रावण ने हनुमान जी को मृत्युदंड देने का आदेश दिया, लेकिन विभीषण और अन्य मंत्रियों ने दूत को न मारने की सलाह दी। इस पर रावण ने अपमानित करने के लिए हनुमान जी की पूंछ में आग लगाने का आदेश दिया। जलती हुई पूंछ के साथ हनुमान जी ने विशाल रूप धारण कर पूरी सोने की लंका में आग लगा दी। इस दौरान उन्होंने केवल विभीषण के घर को छोड़ दिया। यह पूरा घटनाक्रम रामलीला में अत्यंत उत्साह और भव्यता के साथ मंचित किया गया। श्री रामलीला के संचालन के अवसर पर अध्यक्ष गुन्नू कौशिक, अंकित उपाध्याय और जयदेव चौधरी सहित अनेक पदाधिकारी मौजूद रहे।

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