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लखनऊ 26 मई । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के 43 सीएम मॉडल कंपोजिट विद्यालय के शिलान्यास का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश शिक्षा का एक नया मॉडल देने जा रहा है। एक ऐसा कैंपस जहां प्री-प्राइमरी, आंगनबाड़ी भी होगा। यहां प्री प्राइमरी से 12वीं तक की पढ़ाई एक छत के नीचे होगी। 10 से 15 एकड़ में बनने वाले इन विद्यालयों की लागत लगभग 25-30 करोड़ होगी। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों को अटल आवासीय विद्यालयों की तर्ज पर एक मॉडल के रूप में चलाया जाएगा। यहां साइंस, मैथ्स, कंप्यूटर लैब, कौशल विकास केंद्र, स्टेडियम और मल्टीपर्पज हॉल भी होगा। अभी हर जिले में दो-दो विद्यालय दिए गए हैं। आगे चलकर हर विधानसभा में एक-एक सीएम मॉडल कंपोजिट विद्यालय दिए जाएंगे। इससे एक ही घर के बच्चे अलग-अलग विद्यालयों में नहीं बल्कि एक ही कैंपस में पढ़ेंगे।

सीएम ने कहा कि इन विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ प्रशिक्षित व पर्याप्त शिक्षक भी मिलेंगे। उन्होंने डीबीटी के माध्यम से बच्चों के यूनिफॉर्म, बैग, जूते, मोजे और स्वेटर के लिए 1200 करोड़ रुपये जारी करते हुए शिक्षकों से कहा कि वह इस राशि के सदुपयोग के लिए अभिभावकों को जागरूक करें। उन्होंने यह भी कहा कि जुलाई में शिक्षक घर-घर जाएं और अभिभावकों को 5 से 14 साल के हर बच्चे को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करें।

सीएम ने कहा कि 2017 से पहले बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में जर्जर भवन, गंदगी और अव्यवस्था का बोलबाला था। छात्रों की कमी और ड्रॉपआउट दर अधिक थी। आज इन स्कूलों में शौचालय, पेयजल, खेल के मैदान, स्मार्ट क्लास और डिजिटल लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसकी वजह से स्कूलों में छात्रों की संख्या 800 से 1200 तक पहुंच गई है। यह शिक्षा का एक नया मॉडल है, जो बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और समग्र विकास के अवसर दे रहा है। उन्होंने पांच विद्यालयों के निर्माण के लिए 150 करोड़ देने के लिए ओएनजीसी का भी आभार जताया।

कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद यूपी बीमारू राज्य के धब्बे से निकालकर विकासशील राज्य बना है। यहां के पानी, बिजली, सड़क, अस्पताल, कानून व्यवस्था की चर्चा देश भर में है। अब यहां टूटी सड़क नहीं मिलती है। प्रदेश के लोग बाहर जाते हैं तो उनको सम्मान मिलता है। पहले लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूल भेजने नहीं चाहते थे। स्कूलों में 8- 10 बच्चे ही होते थे। शिक्षक नियमित नहीं जाते थे।

उन्होंने कहा कि आज इन सरकारी स्कूलों में 1.90 करोड़ बच्चे हैं। पहले सिंडिकेट मिड-डे-मील खाता था। आज बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन मिल रहा है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में पाक में घर में बैठे आतंकियों को, उनके अड्डे को नष्ट किया है। क्या पहले यह संभव था। मुंबई की घटना याद है। पीएम मोदी के नेतृत्व में अब भारत घर में घुसकर मारने वाला है। भारत रक्षा क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बन रहा है। यूपी भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। गेहूं, चीनी उत्पादन में नंबर एक है। अब शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नंबर बनेंगे।

सीएम ने इन योजनाओं का किया लोकार्पण, शिलान्यास व शुभारंभ

– 43 मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालयों व 66 मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट विद्यालयों का शिलान्यास
– 139 उच्चीकृत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के नवनिर्मित भवनों और अतिरिक्त डॉरमेट्री का लोकार्पण
– बच्चों के ड्रेस व स्टेशनरी के लिए प्रति छात्र 1200 की धनराशि अभिभावकों के बैंक खाते में हस्तांतरित
– 7409 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास, 5,258 विद्यालयों में आईसीटी लैब की शुरुआत की
– शिक्षकों को 51667 टैबलेट वितरण व 503 पीएमश्री विद्यालयों में डिजिटल लाइब्रेरी का शुभारंभ
– राज्य शैक्षिक तकनीकी संस्थान में स्थापित एडुकेशनल ब्रॉडकास्ट स्टूडियो का किया शुभारंभ
– कक्षा 3 से 12 के छात्र-छात्राओं के स्मार्ट असेसमेंट हेतु निपुण प्लस एप की शुरुआत की
– सभी परिषदीय उच्च प्राथमिक व कम्पोजिट विद्यालयों में समर कैंप नवाचार का किया शुभारंभ
– निपुण आंकलन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 05 शिक्षकों को किया सम्मानित
– राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा तैयार किताबों सारथी व अनुरूपण का विमोचन

यह शिक्षा की क्रांति का पर्व है: संदीप सिंह

बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि डीबीटी हस्तांतरण, अन्य योजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास यह कार्यक्रम है। यह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, शिक्षा की क्रांति का पर्व है। बीते आठ साल में जो काम हुए हैं वह भविष्य निर्माण की एक योजना है। यूपी में शिक्षा अब केवल सरकार की योजना मात्र नहीं, जनआस्था बन चुकी है। 8 साल में बेसिक में 1.32 लाख स्कूलों की तस्वीर 11 हजार करोड़ के निवेश व ऑपरेशन कायाकल्प से बदी है। स्कूलों तक किताबें समय से पहुंचाने की व्यवस्था की है। इस साल नया प्रयोग समर कैंप का किया गया है। इससे बच्चों को जीवन कौशल और रचनात्मकता की शिक्षा दे रहे हैं।

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