Hamara Hathras

16/09/2024 4:57 am

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मथुरा 22 अगस्त । राजीव इंटरनेशनल स्कूल के विज्ञान वर्ग के छात्र-छात्राओं ने सूर सरोवर पक्षी अभयारण्य, कीठम आगरा का शैक्षिक भ्रमण कर वहां देश-विदेश से आए विभिन्न प्रजाति के प्रवासी पक्षियों की विस्तार से जानकारी हासिल की। उत्तर प्रदेश वन विभाग द्वारा 1991 में आबाद किए गए इस अभयारण्य में प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों का आगमन होता है। प्रकृति की गोद में बसे नयनाभिराम अभयारण्य में विभिन्न प्रकार के पक्षियों को देखकर विद्यार्थियों का मन खुशी से झूम उठा। इस शैक्षिक भ्रमण में छात्र-छात्राओं को धरती पर मानव अस्तित्व में पक्षियों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूक किया गया। सूर सरोवर पक्षी अभयारण्य के कर्मचारियों ने छात्र-छात्राओं को बताया कि कीठम झील में सैकड़ों प्रवासी पक्षियों का हर साल आना प्रकृति की सबसे विस्मयकारी घटनाओं में से एक है। देखा जाए तो उत्तर प्रदेश वन विभाग ने प्रवासी पक्षियों के यहां पनपने और बढ़ने की पर्याप्त व्यवस्थाएं की है।

अपने शैक्षिक भ्रमण में छात्र-छात्राओं ने बार-हेडेड गूज, कॉमन पोचर्ड, रूडी शेल्डक, नॉर्दर्न शोवेलर, नॉब-बिल्ड डक, लेसर व्हिसलिंग डक, मार्श हैरियर, ग्रे हेरॉन, ग्रेट कॉर्मोरेंट, स्नेक बर्ड-डाटर आदि खूबसूरत पक्षियों को देखा। सूर सरोवर पक्षी अभयारण्य, कीठम के कर्मचारियों ने बताया कि यहां अधिकांश पक्षी साइबेरिया, अफगानिस्तान, तिब्बत, यूरोप, मंगोलिया, चीन आदि से आते हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि हम पक्षियों से अनुकरणीय टीम भावना तथा दैनिक दिनचर्या में आत्म-अनुशासन सीख सकते हैं। शिक्षक अश्विन चाहर तथा प्रियंका चतुर्वेदी ने छात्र-छात्राओं को बताया कि मीठे पानी की भूमि का प्रतीक यह अभयारण्य प्यार से कीठम झील के नाम से जाना जाता है। यह प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण पक्षी अभयारण्यों में से एक है। यह उन लोगों के लिए आदर्श स्थानों में से एक है जो पक्षियों को देखने, पक्षियों के घोंसले बनाने तथा पक्षियों की फोटोग्राफी का आनंद लेना पसंद करते हैं। इस भ्रमण में छात्र-छात्राओं ने अलग-अलग तरह के पेड़-पौधों तथा जीव-जंतुओं के विषय में भी जानकारी हासिल की।

छात्र-छात्राओं ने शैक्षिक भ्रमण में 400 हेक्टेअर क्षेत्र में फैले सूर सरोवर पक्षी विहार के साथ ही 300 हेक्टेअर क्षेत्र में मानव निर्मित झील तथा सूर सरोवर परिसर में स्थित एशिया के सबसे बड़े स्लॉथ बियर रेस्क्यू एंड रिहिबिलिटेशन सेण्टर का भी अवलोकन किया। विद्यार्थियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्हें यहां आकर बहुत अच्छा लगा, साथ ही बहुत कुछ सीखने को मिला। झील में रहने वाले विभिन्न जीवों एवं झील के आसपास के पारिस्थितिकीय तंत्र के बारे में जो जानकारी मिली वह वाकई दिलचस्प है।

आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि समय-समय पर होने वाले शैक्षिक भ्रमण विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विद्यार्थियों को यदि किताबी ज्ञान से हटकर व्यावहारिक ज्ञान दिया जाए तो सीखने की प्रक्रिया और तेज हो जाती है। प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल का कहना है कि राजीव इंटरनेशनल स्कूल द्वारा समय-समय पर छात्र-छात्राओं को शैक्षिक भ्रमण के सुअवसर इसलिए दिए जाते हैं ताकि वह किताबी ज्ञान के साथ ही सामाजिक तथा प्राकृतिक परिवेश से भी रूबरू हो सकें।   विद्यालय की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि उन्होंने शैक्षिक भ्रमण में जो कुछ भी देखा और जानकारी हासिल की है, उसे अपनी नोटबुक में जरूर लिखें।

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