हाथरस 12 जून । जून माह में प्रतिवर्ष गर्मी बढ़ती है ,यद्यपि गर्मी के समय में बैक्टीरिया वायरस अपने ऊपर एक कवर बनाकर उसके अंदर छिप जाते है, जिसके कारण बीमारियां कम हो जाती है किंतु भोजन से उत्पन्न होने वाले पेट के विकार बढ़ जाते हैं क्योंकि गर्मी के समय में फ्रिज में रखे, या खुले में रखे खाद्य पदार्थों में फंगस और अन्य प्रकार के नमी वाले बैक्टीरिया भोजन पर जमा हो जाते है और ये भोजन के द्वारा आसानी से हमारे पेट में पहुंचकर आंतों को संक्रमित कर देते हैं, यही संक्रमण दस्त,पेचिश, टाइफाइड,उल्टी, पीलिया आदि बीमारियां उत्पन्न कर देता है जो जानलेवा भी हो सकता है।
भोजन में सावधानियां –
1 बासी (रखा हुआ) भोजन न करें।
2 फल सब्जियां गुनगुने पानी में धोकर खाएं।
3सड़े गले फल सब्जियां न खाएं।
4 दूध चाय काफी,कोल्ड डिंक का सेवन कम से कम करें।
5 बर्फ का पानी नहीं पीएं।
6 ताजा पानी दिन में 3 से 4 लीटर प्रतिदिन पीएं।
7खाना हल्का खाएं ,एक समय भोजन करें तो अच्छा रहेगा।
8पूड़ी परांठे मिठाई रबड़ी, फास्ट फूड जंक फूड न खाएं।
9.पानी की बोतल के साथ घर से बाहर जाएं।
10 कुआं,तालाब,झरना, का पानी न पीएं।
दिनचर्या में बदलाव करें –
1 एसी का प्रयोग कम से कम करें।
2बाहर निकलने पर ठंडे पानी से भीगा अंगोछा सिर पर ढककर रखें।
3 दिन में दो बार नहाए।
4 रात में ज्यादा देर तक न जगे।
5 नियमित योग व्यायाम करें।
इन दिनों त्वचा रोग ज्यादा आते है जिसने फंगल इन्फेक्शन,धूप से एलर्जी,सनबर्न,डिहाइड्रेशन आदि ज्यादा रहता है इसके लिए पूरे शरीर को ढकने वाले सूती सफेद या हरे कपड़े पहने ।नारियल के तेल की मालिश करें,आवश्यकता पड़ने पर दवा भी लें।
डॉ यू एस गौड़ (वरिष्ठ होम्यो चिकित्सक)
जिला संघ चालक हाथरस