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मथुरा 21 अप्रैल  शिक्षा ही सफल जीवन जीने का एकमात्र तरीका है। शिक्षा हमें कल के लिए तैयार होने और हर स्थिति से निपटने का तरीका सिखाती है। शिक्षा न केवल व्यक्तिगत रूप से बल्कि समाज के लिए भी आवश्यक है क्योंकि यह हमें एक बेहतर दुनिया बनाने में मदद करती है। सच कहें तो अच्छी शिक्षा बेहतर भविष्य की नींव है। यह बातें उन्नत भारत अभियान के समन्वयक और जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के प्रो. अजय उपाध्याय ने पंचायत भवन सिहाना में ग्रामीणों को बताईं।

गांव सिहाना में शिक्षा एक बेहतर भविष्य की ओर कार्यक्रम में प्रो. अजय उपाध्याय ने ग्रामीणों को बताया कि शिक्षा केवल किताबों के पन्नों तक सीमित नहीं होती बल्कि यह सोचने-समझने और आगे बढ़ने की कला सिखाती है। यह हमें सही और गलत की पहचान कराती है तथा आत्मनिर्भर बनने का मार्ग दिखाती है। यही कारण है कि शिक्षा को भोजन, पानी और हवा की तरह ही जीवन का आधार माना जाता है। शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं है, यह जीवन को समझने, समस्याओं को हल करने और समाज में सकारात्मक योगदान देने का मूल मंत्र है। शिक्षा एक सतत प्रक्रिया है जो न केवल तकनीकी कौशल और ज्ञान प्रदान करती है बल्कि नैतिक मूल्यों, आत्मविश्वास और बौद्धिक विकास को भी बढ़ावा देती है।

प्रो. उपाध्याय ने ग्रामीणों को बताया कि शिक्षा हमें सिखाती है कि हम क्या जानते हैं और कैसे सोचते हैं, जिससे हम अपने और समाज के भविष्य को आकार दे सकें। इसका उद्देश्य केवल एक अच्छी नौकरी पाना नहीं बल्कि जिम्मेदार और जागरूक नागरिक बनाना भी है। इस अवसर पर प्रो. तनुश्री गुप्ता ने बालिका शिक्षा पर अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि समाज के विकास में महिलाओं का बड़ा हाथ होता है। जब तक देश की प्रत्येक बालिका शिक्षित नहीं हो जाती तब तक देश का विकास सम्भव नहीं है। इसके लिए भारत सरकार ने भी बालिकाओं को शिक्षित करने के लिए ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान चलाया है।

प्रो. गुप्ता ने बताया कि देश के भविष्य के लिए भारत में लड़कियों की शिक्षा आवश्यक है क्योंकि महिलाएं ही अपने बच्चों की पहली शिक्षक हैं। उन्होंने कहा कि अशिक्षित महिलाएं परिवार के प्रबंधन में योगदान नहीं दे सकतीं तथा वह बच्चों की उचित देखभाल करने में भी नाकाम रहती हैं। उन्होंने कहा कि एक सुशिक्षित लड़की देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है वह शिक्षक, वकील, डॉक्टर और वैज्ञानिक के रूप में देश की सेवा भी कर सकती है।

प्रो. गुप्ता ने कहा कि शिक्षित लड़कियां बच्चों में अच्छे गुण प्रदान कर परिवार के प्रत्येक सदस्य को उत्तरदायी बना सकती हैं। उन्होंने कहा कि एक आदमी को शिक्षित करके राष्ट्र का कुछ हिस्सा शिक्षित किया जा सकता है जबकि एक महिला को शिक्षित करके पूरे समाज और देश को शिक्षित किया जा सकता है। गौरतलब यह कि जी.एल. बजाज ने उन्नत भारत अभियान के तहत गांव सिहाना को गोद लिया है। इस अवसर पर संस्थान के विद्यार्थियों गोपाल, कनक, मुदित आदि ने भी शिक्षा पर अपने विचार साझा किए। संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने प्राध्यापकों तथा छात्र-छात्राओं को अच्छे सामाजिक कार्यक्रम के लिए बधाई दी तथा कहा कि जी,एल. बजाज ग्रामीणों की शिक्षा, उन्नति व विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

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