Hamara Hathras

12/09/2024 7:08 pm

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हाथरस 12 सितंबर । श्री दाऊजी महाराज 113वाॅ मेले में आयोजित विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन 12 से 23 सितंबर तक कुल 12 दिन का आयोजन किया गया। इस शिविर का शुभारम्भ जनपद न्यायाधीश सतेन्द्र कुमार द्वारा फीता काट कर माॅ सरस्वती का माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय, रविन्द्र कुमार, अध्यक्ष, स्थायी लोक अदालत, राजेश कुमार, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस के अपर जनपद न्यायाधीश, सचिव, प्रशान्त कुमार जनपद के समस्त न्यायिक अधिकारीगण एवं अन्य आम जन उपस्थित रहे। जनपद न्यायाधीश सतेन्द्र कुमार द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण के उद्देश्यों की जानकारी देते हुए बताया कि इस शिविर का मुख्य उद्देश्य इस मेले में दूर दराज से आने वाली जनता को प्राधिकरण के उद्देश्यों की जानकारी देना है। जनपद न्यायाधीश द्वारा उपस्थित जनों को बताया कि प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य गरीब व्यक्ति, महिला एवं बच्चों, जातीय हिंसा, बाढ़, सूखा, एवं जरूरत मंद लोगों को निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध करायी जाती है।

प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय, रविन्द्र कुमार ने अपने वक्तव्य में जानकारी देते हुये बताया कि यदि किसी के वैवाहिक सम्बन्धों में कटुता है अर्थात् कुछ विवाद चल रहा है और भविष्य में मुकदमे बाजी के शुरू होने की सम्भावना है तो आप तुरंत कार्यालय, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में सम्पर्क करके अपना प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करें। आपके प्रार्थना पत्र को संज्ञान में लेते हुए अविलम्ब कार्यवाही की जाएगी। विपक्षी को नोटिस भेजा जाएगा और दोनो पक्षों को मध्यस्थता केंद्र बुलाकर समझौता कराया जाएगा और ‘‘प्रीलिटिगेशन विशेष लोक अदालत’’ में परिवार न्यायालय द्वारा एक ऐसा फैसला सुनाया जाएगा को कि दोनो पक्षकारों पर आजीवन बाध्यकारी होगा। बस आपको एक प्रार्थना पत्र देना है, जिसमें आप दोनो पक्षकारों के नाम, मोबाइल नम्बर, वर्तमान पता स्पष्ट रूप से लिखना होगा। प्रार्थना पत्र पति पत्नी या उनके संरक्षक या उनके नजदीकी रिश्तेदार भी दे सकते हैं। प्रार्थना पत्र देने वाले को अपना आधार कार्ड की फोटोकॉपी भी साथ में लगानी होगी।  अध्यक्ष, स्थायी लोक अदालत, राजेश कुमार द्वारा शिविर में उपस्थित जनता को स्थायी लोक अदालत के सम्बन्ध में विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि स्थायी लोक अदालत के माध्यम से निस्तारित मामलों में दोनों पक्षकारों को लाभ होता है स्थायी लोक अदालत में वाद दायर करने में कोई भी कोर्ट फीस नहीं लगती है।
अपर जनपद न्यायाधीश, कोर्ट संख्या-1, महेन्द्र श्रीवास्तव ने अपने वक्तव्य में उपस्थित जन को जानकारी देते हुए बताया कि नालसा द्वारा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के सदस्यों के हितार्थ बहुत सी योजनायें संचालित है, जिनका सभी को लाभ उठाना चाहिए। उन्होने कहा कि यदि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के व्यक्तियों के साथ कोई अत्याचार करता है तो उसके लिये सजा का प्राविधान है, जिसके लिये सरकार द्वारा अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम बनाया गया है, जिसमें दण्ड का प्राविधान है तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के व्यक्तियों को जिला प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क अधिवक्ता प्रदान किये जाते है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस के अपर जनपद न्यायाधीश, सचिव प्रशान्त कुमार द्वारा उपस्थित जन को प्राधिकरण के उद्देश्यों की जानकारी देते हुए बताया कि जिला प्राधिकरण का मुख्य कार्य परामर्श और कानूनी सलाह की प्रकृति में निःशुल्क और सक्षम कानूनी सहायता प्रदान करना, न्यायालयों और न्यायाधिकरणों के समक्ष मामलों के संचालन में निःशुल्क कानूनी सेवाएं प्रदान करना, सभी प्रकार के लम्बित प्रकरणों के लिए प्रत्येक माह नियमित लोक अदालतों का आयोजन करना और विशेष श्रेणी के मामलों के लिए विशेष लोक अदालतों का आयोजन करना, प्रत्येक जिले में स्थायी लोक अदालतों की स्थापना करके सुलह तंत्र के माध्यम से मुकदमेबाजी-पूर्व विवाद समाधान की जिम्मेदारी लेना, जनता के बीच कानूनी जागरूकता फैलाना, विशेष रूप से कानूनी महत्व के विभिन्न मुद्दों पर सामाजिक विधानों के लाभार्थियों और बड़े पैमाने पर जनता को लक्षित करना, जिन विचाराधीन कैदियों के मामले अदालतों में लंबित हैं, उन्हें निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए प्रयास करना, देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले महिलाओं और बच्चों के लिए कॉलेजों, जेलों और कानूनी जागरूकता कार्यक्रमों में कानूनी साक्षरता कार्यक्रम आयोजित करना है। अगर किसी व्यक्ति कोई कानूनी जानकारी से सम्बन्धित कोई समस्या हो तो वह बेझिझक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस के कार्यालय में सम्पर्क कर सकता है।
शिविर में उपस्थित जनता को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस की ओर पम्पलेट्स वितरित किये गये।

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