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हाथरस 07 अगस्त । जुलाई 2024 में सिकंदराराऊ क्षेत्र में आयोजित एक सत्संग कार्यक्रम के दौरान मची भीषण भगदड़ के मामले में जिला अदालत में सभी 11 आरोपियों पर औपचारिक रूप से आरोप तय कर दिए गए हैं। इस भगदड़ में 121 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा दाखिल आरोप पत्र के आधार पर अदालत ने अभियुक्तों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं। इन आरोपियों में स्वयंभू संत सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के करीबी सहयोगी और सेवादार देवप्रकाश मधुकर समेत अन्य प्रमुख सेवादार शामिल हैं।

अब साक्ष्य पेश करने की प्रक्रिया शुरू

बचाव पक्ष के अधिवक्ता मुन्ना सिंह पुंडीर ने बताया कि बुधवार को अदालत में आरोप पत्र पढ़ा गया और आरोपियों को औपचारिक रूप से आरोपों से अवगत कराया गया। उन्होंने बताया कि मामला अब साक्ष्य प्रस्तुत करने के चरण में प्रवेश कर चुका है। अगली सुनवाई 18 अगस्त को निर्धारित की गई है, जिसमें अभियोजन पक्ष अपने गवाहों को अदालत में पेश करेगा।

बचाव पक्ष ने हादसे को बताया आकस्मिक

बचाव पक्ष ने यह दावा दोहराया कि यह एक “आकस्मिक हादसा” था और पुलिस ने अपनी लापरवाही छिपाने के लिए झूठा और मनगढ़ंत मामला दर्ज किया है। वहीं, जांच एजेंसियों का कहना है कि सत्संग कार्यक्रम के आयोजन में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था में भारी लापरवाही बरती गई, जिसके चलते इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान गई।

भोले बाबा का नहीं दर्ज हुआ नाम

गौरतलब है कि इस मामले में भोले बाबा का नाम एफआईआर या आरोप पत्र में आरोपी के रूप में शामिल नहीं किया गया है, जिस पर सवाल भी उठ रहे हैं। हालांकि, बाबा के समर्थकों और सेवादारों की भूमिका को लेकर पुलिस ने विस्तृत जांच के बाद यह कार्यवाही की है। इस मामले पर अब पूरे प्रदेश की निगाहें टिकी हुई हैं, और देखना होगा कि आगे की सुनवाई में क्या तथ्य और साक्ष्य सामने आते हैं।

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