हाथरस/लखनऊ 08 जुलाई । उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश के बिजलीकर्मी कल यानी बुधवार को बिजली के निजीकरण के खिलाफ एक दिन की सांकेतिक हड़ताल पर रहेंगे। इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में प्रदेश से करीब एक लाख बिजलीकर्मी हिस्सा लेंगे, जबकि देशभर से करीब 27 लाख कर्मचारी इसमें शामिल होंगे। यह हड़ताल नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के आह्वान पर आयोजित की जा रही है। यूपी में हड़ताल को लेकर सभी ज़िलों में तैयारी जोरों पर है। राज्य के संविदा कर्मी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता अपने-अपने कार्यस्थलों के बाहर एकजुट होकर निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। हालांकि, अधिकारियों की ओर से यह आश्वासन दिया गया है कि इस हड़ताल के बावजूद बिजली आपूर्ति और सेवाएं सुचारू रूप से चलती रहेंगी, जिससे आम जनता को किसी तरह की असुविधा नहीं होगी।
लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन
गौरतलब है कि प्रदेश के बिजली कर्मचारी पिछले कई महीनों से निजीकरण के विरोध में महापंचायतों, धरनों और रैलियों के माध्यम से विरोध दर्ज करा रहे हैं। उनका कहना है कि निजीकरण से न केवल कर्मचारियों का हित प्रभावित होगा, बल्कि इससे उपभोक्ताओं पर भी आर्थिक बोझ बढ़ेगा। बिजलीकर्मियों की मांग है कि सरकार बिजली क्षेत्र को निजी हाथों में सौंपने की योजना को वापस ले और सार्वजनिक क्षेत्र को मज़बूत करने की दिशा में कदम उठाए।