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अलीगढ़ 09 अप्रैल ।  मंगलायतन विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञान दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए विभागाध्यक्ष प्रोफेसर प्रमोद कुमार ने मौसम विज्ञान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मौसम विज्ञान का हमारे जीवन में विशेष महत्व है। उन्होंने आगे बताया कि विश्व मौसम विज्ञान दिवस का आयोजन विश्व मौसम विज्ञान संगठन द्वारा निर्धारित किया गया है। मौसम विज्ञान संगठन का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जिनेवा शहर में स्थित है। विश्व आज 75वां अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञान दिवस मना रहा है जिसकी थीम “क्लोजिंग द अर्ली वार्निंग गैप टुगेदर” है इसके आधारभूत सिद्धांत के अनुसार मौसम का संतुलन किसी भी राष्ट्र, संगठन या विभाग के द्वारा एकल रूप में संभव नहीं है। संपूर्ण विश्व के संयुक्त प्रयास से ही सम्भव है। 23 मार्च 1950 को संगठन की स्थापना हुई  और 1951 से अंतरराष्ट्रीय मौसम विज्ञान दिवस 23 मार्च को मनाना शुरू किया गया। मौसम विज्ञान का फसलों के उत्पादन में विशेष भूमिकाध्महत्त्व है इसके मुख्य घटक जैसे- तापक्रम, वर्षा, आपेक्षिक आर्द्रता, वायु की दिशा  व गति तथा सूर्य के प्रकाश की अवधि आदि की विशेष है, जिसकी विधिवत जानकारी वैध शाला को स्थापित करके की जा सकती है मौसम का  फसलों के उत्पादन पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है। इसके विपरीत  प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा, बाढ़, गर्म हवा, चक्रवात, मूसलाधार वर्षा, सुनामी आदि का प्रतिकूल प्रभाव होता है। अतः संपूर्ण विश्व को  इसके प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता है। वर्तमान में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग का मुख्यालय लोधी रोड, नई दिल्ली में स्थित है। इस कार्यक्रम में प्रो. वेद रतन, प्रो. एके दुबे, डॉ. आकांक्षा सिंह, डॉ. पवन कुमार, डॉ. मयंक प्रताप, डॉ कृष्ण कुमार पटेल , डॉ. प्रत्यक्ष पाण्डेय, डॉ. रौशन लाल, डॉ. विपिन कुमार आदि उपस्थित रहे तथा इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।

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