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सादाबाद (सहपऊ) 22 जुलाई । श्रावण मास के दूसरे सोमवार को सहपऊ क्षेत्र के गांव बुढ़ाइच में एक ऐसा अद्भुत दृश्य देखने को मिला, जिसने सभी को भावविभोर कर दिया। गांव निवासी राजकुमार ने अपने 92 वर्षीय पिता पोतीराम और 85 वर्षीय माता अमान देवी को कांवड़ में बैठाकर 120 किलोमीटर की पदयात्रा पूरी की और नीलकंठ महादेव मंदिर पर गंगाजल से भोलेनाथ का जलाभिषेक कराया। यह यात्रा कासगंज के कछला घाट से 16 जुलाई को शुरू हुई थी। इस श्रवण कांवड़ में राजकुमार के साथ उनकी पत्नी विमलेश, नाती योगेश कुमार व उसकी पत्नी यशवती देवी, भाई जितेंद्र कुमार व उनकी पत्नी गीता देवी और 13 वर्षीय नाती निशांत भी शामिल रहे। सभी ने बारी-बारी से कांवड़ को कंधे पर उठाकर हर-हर महादेव के जयकारों के साथ रोज़ लगभग 20 किलोमीटर की यात्रा तय की। विश्राम के लिए जहां स्थान मिला, वहीं रुक जाते थे। सोमवार सुबह यह परिवार गांव पहुंचा और मां भद्रकाली मंदिर पर आशीर्वाद लेने के बाद नीलकंठ महादेव पर जलाभिषेक किया। अमान देवी भावुक होकर बोलीं, “यह मेरे जीवन का सबसे सुखद पल है। मेरे बेटे और पोते मेरे लिए भगवान बन गए।” यह परिवार पिछले वर्ष भी इसी तरह की एक भावनात्मक कांवड़ यात्रा कर चुका है। बुढ़ाइच का यह परिवार न केवल एक अनूठी धार्मिक परंपरा निभा रहा है, बल्कि समाज को यह संदेश भी दे रहा है कि माता-पिता की सेवा ही सच्चा धर्म है। यह श्रवण कांवड़ उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो रिश्तों की गरिमा को समझते हैं।

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