सिकंदराराऊ (हसायन) 23 जुलाई । कोतवाली क्षेत्र के कस्बा स्थित पुरदिलनगर मार्ग पर संचालित एक कथित अवैध निजी हॉस्पीटल में सवा दो वर्षों तक एक नर्स के साथ सामूहिक दुष्कर्म और अनैतिक गतिविधियों के गंभीर आरोपों के बाद अब स्वास्थ्य विभाग भी हरकत में आ गया है। बुधवार को जिला स्तर के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, एक सरकारी वाहन में सवार होकर उक्त घटनाक्रम की जांच के लिए पहुंचे। लखनऊ पंजीकृत सफेद टाटा वाहन पर जिला स्वास्थ्य विभाग का पदनाम अंकित था, जिससे कस्बे में पहुंचते ही क्षेत्र के झोलाछाप व अप्रशिक्षित चिकित्सकों में हड़कंप मच गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम जैसे ही श्री बांके बिहारी हॉस्पीटल पर पहुंची, तो पाया गया कि अस्पताल पूरी तरह बंद था। टीम ने आसपास मौजूद दुकानदारों और स्थानीय लोगों से पूछताछ कर घटनास्थल का निरीक्षण किया और फिर बैरंग लौट गई।
गौरतलब है कि बीते पांच दिन पूर्व अलीगढ़ जनपद की रहने वाली एक विवाहित नर्स ने इस हॉस्पीटल के मेडिकल स्टोर संचालक अनिल यादव, सुमित यादव समेत पांच लोगों के खिलाफ कोतवाली हसायन में सामूहिक दुष्कर्म, अनैतिक कार्यों में जबरन शामिल कराने और ब्लैकमेलिंग की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। नर्स का आरोप है कि आरोपियों ने फोटो और वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उससे नकदी भी ऐंठी। मामला दर्ज होने के बाद से ही आरोपियों की गतिविधियों और हॉस्पीटल की वैधता पर सवाल उठ रहे हैं। इस पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच का निर्णय लिया गया था।
बड़ा सवाल यह भी उठता है कि क्या उक्त हॉस्पीटल के पास पंजीकरण, प्रशिक्षित स्टाफ और नियमानुसार संचालन की अनुमति थी? और यदि नहीं, तो इतने लंबे समय से यह हॉस्पीटल किसकी शह पर चल रहा था? स्थानीय निवासियों ने मांग की है कि स्वास्थ्य विभाग इस मामले में कठोर कार्रवाई करते हुए झोलाछाप चिकित्सकों और अवैध अस्पतालों पर सख्त शिकंजा कसे, जिससे भविष्य में किसी के साथ ऐसी अमानवीय घटनाएं न हों।