
हाथरस 14 दिसंबर । सावन कृपाल रूहानी मिशन की शाखा कृपाल आश्रम, गौशाला रोड हाथरस पर साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया। सत्संग की शुरुआत दयाल पुरुष संत दर्शन सिंह जी महाराज के प्रवचनों से हुई। उन्होंने गुरु बाणी के माध्यम से समझाया कि “एक पिता एकस के हम बालक” अर्थात हम सभी एक ही परम पिता परमेश्वर की संतान हैं, इसलिए हमें आपस में प्रेम, भाईचारे और सहयोग की भावना से एक-दूसरे के सुख-दुख में सहभागी बनकर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह इंसानी चोला प्रभु की अनमोल देन है, जिसे केवल सांसारिक आवश्यकताओं की पूर्ति में ही नहीं, बल्कि अपने जीवन के वास्तविक उद्देश्य—स्वयं को जानने और परमात्मा को पाने—के लिए उपयोग में लाना चाहिए। इसके पश्चात मिशन के प्रमुख एवं विश्व आध्यात्मिक सतगुरु संत राजिंदर सिंह जी महाराज के सत्संग का श्रवण कराया गया। महाराज जी ने बताया कि प्रभु न तो आसमानों में, न जंगलों में, न समुद्र की गहराइयों में और न ही पहाड़ों में हैं, बल्कि प्रभु हमारे भीतर ही विराजमान हैं। उन्होंने कहा कि जब पूर्ण संत सतगुरु से नाम रूपी दात प्राप्त होती है, तब साधक प्रभु को पाने के योग्य बनता है। प्रभु का शब्द ज्योति व श्रुति के रूप में हमारे भीतर ही मौजूद है, किंतु हमारा ध्यान बाहरी संसार में उलझा रहने के कारण हम उस दिव्य अनुभूति को महसूस नहीं कर पाते। सत्संग के उपरांत 7 दिसंबर को आगरा सेंटर पर आयोजित बाल सत्संग शिविर में प्रतिभाग करने वाले बच्चों को शाखा हाथरस के अध्यक्ष निरंजन लाल अग्रवाल द्वारा प्रमाण पत्र एवं मेडल वितरित किए गए। इसके साथ ही आश्रम परिसर में बाल सत्संग, जरूरतमंद भाई-बहनों के लिए निःशुल्क रक्तचाप एवं मधुमेह जांच, तथा निःशुल्क एलोपैथिक व होम्योपैथिक दवाओं का वितरण भी किया गया। समस्त साध संगत ने अत्यंत शांति और प्रेमभाव के साथ सत्संग का श्रवण किया। कार्यक्रम के समापन पर सभी के लिए लंगर प्रसाद का वितरण किया गया।










