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लखनऊ 08 नवंबर । उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने युवतियों और महिलाओं को बैड टच से बचाने और पुरुषों के बुरे इरादों को रोकने के लिए एक प्रस्ताव तैयार करके योगी सरकार के पास भेज रही है। यदि यह प्रस्ताव स्वीकार हो जाता है तो भविष्य में पुरुष टेलरों और बाल काटने वाले पुरूषों के सामने काफी परेशानी खड़ी हो सकती है। महिला आयोग ने कहा है कि पुरूष टेलरों को महिलाओं के कपड़े नहीं सिलने चाहिए और न ही उनके बाल काटने चाहिए। राज्य महिला आयोग ने महिलाओं को “बैड टच” से बचाने और पुरुषों के बुरे इरादों को रोकने के लिए एक प्रस्ताव दिया है। इसके मुताबिक, पुरुषों (मेल टेलर) को महिलाओं के कपड़े नहीं सिलने चाहिए और न ही उनके बाल काटने चाहिए।

इस प्रस्ताव को राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने रखा, जिसका बैठक में मौजूद अन्य सदस्यों ने समर्थन किया। बता दें कि 28 अक्टूबर को हुई महिला आयोग की एक बैठक के बाद कई ऐसे सुझाव दिए गए, जिनमें पुरुषों को महिलाओं का नाप लेने की अनुमति नहीं देना और शॉप पर सीसीटीवी कैमरे लगाना आदि शामिल हैं। फिलहाल, अभी यह सिर्फ एक प्रस्ताव है और महिला आयोग बाद में राज्य सरकार से इस संबंध में कानून बनाने का अनुरोध करेगा। महिला आयोग के नियमों का पालन करवाना जिला प्रशासन के जिम्मे होगा। इस बाबत यूपी महिला आयोग की सदस्य हिमानी अग्रवाल ने बताया कि हाल ही में हुई महिला आयोग की बैठक में एक प्रस्ताव रखा गया था कि केवल महिला टेलर ही महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले कपड़ों का नाप लें। साथ ही शॉप पर सीसीटीवी लगाए जाएं।

यूपी महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान का कहना कि चाहे महिला सुरक्षा की दृष्टि से हो या फिर महिलाओं के रोजगार की दृष्टि से। जो महिलाएं जिम जाती हैं। मेरी बस इतनी सी विनती है कि आप (जिम मालिक) ट्रेनर तो रखें, लेकिन एक महिला ट्रेनर भी होनी चाहिए। पहले जब ब्यूटी पार्लर होते थे, तो आमतौर पर 90 प्रतिशत काम लड़कियां ही करती थीं, लेकिन अब नया जमाना आ गया है और वहां लड़कियां कम और लडक़े ज्यादा दिखते हैं। आजकल ब्राइडल का नया मेकअप लडक़े कर रहे हैं। मैं बस इतना कहना चाहती हूं कि आपको पार्लर में भी लडक़े रखने चाहिए, जो चाहे लडक़ों से करवा सकती है। लेकिन, उन्हें लिखकर देना होगा कि मैं अपनी मर्जी से ये कर रही हूं। दूसरी बात, ये कर्मचारी जहां भी हों, उनका पुलिस वेरिफिकेशन होना चाहिए। 90 प्रतिशत दर्जी पुरुष होते हैं और वहीं नाप लेते हैं। मेरी बस इतनी सी विनती है कि आप जेंट्स टेलर रखें लेकिन नाप के लिए महिला रखें। क्योंकि, आपको पता है कि जब कपड़े सिले जाते हैं तो कपड़ों की सिलाई कैसे होती है। माप लिया जाता है।

महिला आयोग के इस फैसले पर अलग-अलग स्तर पर प्रतिक्रिया भी आना शुरू हो गई हैं। समाजवादी पार्टी के नेता जहां से बीजेपी की कारगुजारी बता रहे हैं। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने इसे बीजेपी की घिनौनी साजिश करार दिया है। भदौरिया का कहना है कि भगवा ब्रिगेड प्रदेश को साम्प्रदायिकता के आग में झोंक रही है,जिससे कोई नहीं बचेगा। आग लगाने वाले भी इसके शिकार हो जायेगा। वहीं बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी का कहना है कि महिला आयोग ने यदि ऐसा कोई फैसला लिया है तो जरूर उसके पास बैड टच को लेकर कुछ साक्ष्य मौजूद होंगे। अभी इस तरह का कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं आया है,जब आयेगा तो इसके गुण-दोष के आधार पर फैसलाय लिया जायेगा।

महिला आयोग द्वारा भेजे गए प्रस्‍ताव में ये बड़े फैसले
– जिम योगा सेंटर में महिला ट्रेनर होना चाहिए. ट्रेनर एवं महिला जिम का सत्यापन अवश्य हो,
– जिम योगा सेंटर में प्रवेश के समय अभ्यर्थी के आधार कार्ड/निर्वाचन कार्ड जैसे पहचान पत्र से सत्यापन किया जाए,
– जिम या योग सेंटर में डीवीआर सहित CCTV चलते होने चाहिए,
– स्‍कूल-कॉलेजों के बस में महिला सुरक्षाकर्मी व महिला टीचर का होना अनिवार्य है,
– नाट्य कला केंद्रों में महिला डांस टीचर एवं डीवीआर और CCTV का होना अनिवार्य,
– बुटीक सेंटरों पर कपड़ों की नाप लेने के लिए महिला टेलर और सीसीटीवी लगा हो,
– कोचिंग सेंटरों पर सीसीटीवी और वाशरूम आदि की व्यवस्था अनिवार्य है,
– महिलाओं के कपड़ों की बिक्री की दुकानों पर महिला कर्मचारी का होना अनिवार्य।

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