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मथुरा 12 जून । ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) बहुत ही आम वायरस है जो यौन सम्पर्क के माध्यम से फैलता है। यह वायरस अक्सर बिना किसी लक्षण के रहता है और अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में यह जननांग मस्से या कैंसर का कारण बन सकता है। ज्यादातर लोगों का शरीर एक-दो साल के भीतर वायरस से खुद ही छुटकारा पा लेता है। एचपीवी का सही उपचार सिर्फ टीकाकरण है। यह बातें राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के छात्र-छात्राओं को अतिथि वक्ता डॉ. विशाल गुप्ता ने बताईं।

एमएसडी एड्यूकर कम्पनी एवं राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अतिथि व्याख्यान में डॉ. विशाल गुप्ता ने छात्र-छात्राओं को बताया कि एचपीवी त्वचा से त्वचा के सम्पर्क में आने से फैलता है। एचपीवी के कई अलग-अलग प्रकार हैं जो आपके शरीर के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित कर सकते हैं। ज्यादातर लोगों में एचपीवी कोई लक्षण पैदा नहीं करता और वायरस अपने आप ही ठीक हो सकता है। एचपीवी किसी भी ऐसे व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है जो यौन रूप से सक्रिय है, भले ही उसने केवल एक बार ही यौन सम्पर्क का अनुभव किया हो। डॉ. गुप्ता ने बताया कि अधिकांश लोगों को जीवन में कभी न कभी एचपीवी जरूर होता है। उन्होंने कहा कि एचपीवी से स्वयं को और दूसरों को बचाने का सबसे अच्छा तरीका टीकाकरण है।

डॉ. गुप्ता ने बताया कि एचपीवी को नजरंदाज करना ठीक नहीं, यदि उपचार न किया जाए तो ये ग्रीवा कैंसर, गुदा कैंसर, योनि कैंसर, लिंग कैंसर, ऑरोफरीन्जियल कैंसर का कारण बन सकते हैं। एचपीवी रोग की रोकथाम पर प्रकाश डालते हुए अतिथि वक्ता ने सलाह दी कि यदि कोई व्यक्ति एचपीवी की गिरफ्त में आ गया है तो उसे समय-समय पर अपने डॉक्टर से प्रॉपर डायग्नोसिस करानी चाहिए। डॉ. गुप्ता ने बताया कि एचपी वैक्सीन ह्यूमन पेपिलोमा वायरस से बचाव में काफी कारगर सिद्ध हुई है।

आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि उन्हें अतिथि वक्ता से ह्यूमन पेपिलोमा वायरस को लेकर जो जानकारी मिली है, उस पर विचार मंथन करते हुए सामाजिक जागरण का काम करें। संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) हिमांशु चोपड़ा ने अतिथि वक्ता का आभार मानते हुए छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि उन्हें एचपीवी की समुचित जानकारी होनी चाहिए। इतना ही नहीं वैक्सीन के विषय में समाज को जागरूक करना भी युवाओं का अहम दायित्व है। प्रो. चोपड़ा ने कहा कि फार्मा का क्षेत्र बहुत बड़ा है, युवा पीढ़ी ज्ञानार्जन कर स्वस्थ समाज और राष्ट्र के संकल्प को पूरा कर सकती है।

परीक्षा नियंत्रक आर.के. चौधरी ने भी ह्यूमन पेपिलोमा वायरस को लेकर अपने विचार रखे। अतिथि व्याख्यान का संचालन सांस्कृतिक विभाग की अधिकारी प्रतीक्षा राजोरिया, मनु शर्मा, पवन पाण्डेय, कुलदीप सिंह ने किया। डॉ. मयंक कुलश्रेष्ठ, सोनम शाह, विभा, बृजनंदन दुबे, आकाश गर्ग, शिवेंद्र कुमार, सोनम बंसल, ऋतिक वर्मा, सौम्यदीप मुखर्जी, अविनाश मिश्रा, बृजेश शर्मा आदि ने कार्यक्रम की मुक्तकंठ से प्रशंसा की।

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