सिकंदराराऊ (हसायन) 20 अगस्त । कस्बा व देहात क्षेत्र में श्रावण मास में हुई रिमझिम झमाझम बरसात के उपरांत पानी जलभराव के अलावा धान की फसल में भरे हुए पानी से उत्पन्न मच्छरो के प्रकोप के चलते बुखार जैसे शरीर के तापरोग ने अपना असर दिखाना प्रारंभ कर दिया। कस्बा व देहात क्षेत्र में रिमझिम व झमाझम बरसात के अलावा कस्बा व देहात क्षेत्र के विभिन्न ज्यादातर ग्राम पंचायतों में किसानो के द्वारा की जा रही खरीफ के सीजन में धान की फसल की पैदावार के लिए धान की फसल के खेत जमीन पर भरे हुए पानी के कारण मच्छरो के प्रकोप के चलते एक बार पूर्व की तरह फिर से ज्वर बुखार जैसे शरीर के स्वास्थ्य तापरोग का क्रम शुरू होने से आमजन फिर से परेशानी के कगार पर पहुंचने के लिए मजबूर होता दिखाई दे रहा है। वर्तमान में अचानक शरीर में उत्पन्न होने वाले ज्वर बुखार स्वरूपी ताप रोग से पीडित तमाम मरीज कस्बा के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अलावा स्थानीय झोलाछाप स्तर के अप्रशिक्षित चिकित्सकों के यहां पर अपना उपचार इलाज कराने के लिए पहुंच रहे है। मौसम परिवर्तन के दौरान शरीर में उत्पन्न होने वाले ताप रोग मौसमी बुखार से पीडित ज्यादातर मरीज अवैध रूप से संचालित अप्रशिक्षित अपंजीकृत प्राइवेट स्वरूपी लैव व हॉस्पीटल संचालको से अपना उपचार कराए जाने के लिए मजबूर दिखाई दे रहे है।वर्तमान में कस्बा में चार दर्जन से ज्यादा अप्रशिक्षित झोलाछाप स्तर के चिकित्सको के क्लीनिक के अलावा एमबीबीएस डिप्लोमा धारक के नाम से अवैध नर्सिंग होम्स हॉस्पीटल संचालित हो रहे है। वही कस्बा में दस से बारह अपंजीकृत अनाधिकृत रूप से अप्रशिक्षित रक्त परीक्षण पैथौलॉजी लैब संचालित हो रही है। कस्बा व देहात क्षेत्र में पिछले वर्ष भी अगस्त माह से लेकर नबंबर माह तक तमाम लोग तापरोग के अलावा बुखार के विभिन्न स्वरूप जैसे डैंगू, मलेरिया, टायफाइड रोग के कारण उपचार समय पर नही मिलने तो कोई धनावभाव के कारण दम तोड चुके थे। गांव अडौली में भी डैंगूृ बुखार के कारण पिछले वर्ष तमाम महिला पुरूष रोगियो की मौत हो चुकी है।