
सादाबाद 26 नवंबर । अधिवक्ता पर हुए जानलेवा हमले के आरोपी पर पुलिस द्वारा शांति भंग की कार्रवाई किए जाने से अधिवक्ता भड़क गए। उन्होंने तहसील परिसर में घंटों हंगामा किया और आरोपी को जेल भेजने की मांग की। स्थानीय सुभाष गली निवासी दीपक कुमार ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि वह और उनके भाई अजय कुमार पेशे से अधिवक्ता हैं और सादाबाद में वकालत करते हैं। उनके पड़ोसी दुकानदार अजय गर्ग पर उनके भाई अजय कुमार के वकालत संबंधी कार्य के 250 रुपये बकाया थे। 24 नवंबर को शाम करीब 5 बजे अजय कुमार बकाया रुपये लेने अजय गर्ग के पास गए। वहां अजय गर्ग के दोनों पुत्र विभु और यशु उर्फ यश भी मौजूद थे। सभी ने रुपये देने से इनकार कर दिया और अजय कुमार तथा उनके पिता के साथ मारपीट की। गंभीर रूप से घायल दोनों को आगरा रेफर किया गया। पुलिस ने साथी अधिवक्ताओं के साथ हुई मारपीट और जानलेवा हमले की रिपोर्ट विभिन्न धाराओं में दर्ज कर ली। हालांकि, जब अधिवक्ताओं को यह जानकारी मिली कि आरोपी को शांति भंग की धारा में निरुद्ध किया गया है, तो वे भड़क गए। अधिवक्ता तत्काल तहसील परिसर पहुंचे और एसडीएम मनीष चौधरी से बातचीत की। अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि जान से मारने की नीयत से किए गए हमले में पुलिस को हत्या के प्रयास की धारा में रिपोर्ट दर्ज करनी चाहिए थी, न कि सहयोगी धाराओं में।एसडीएम ने अधिवक्ताओं को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे कोई बात सुनने को तैयार नहीं थे। उन्होंने तहसील परिसर में जमकर हंगामा करते हुए पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने जान से मारने की धारा का इस्तेमाल नहीं किया और आरोपी को शांति भंग में निरुद्ध किया है। अधिवक्ताओं ने मांग की कि शांति भंग में निरुद्ध किए गए आरोपी को जेल भेजा जाए, लेकिन स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने उनकी इस मांग को दरकिनार कर दिया। इससे अधिवक्ताओं में आक्रोश फैल गया और उन्होंने एसडीएम तथा कोतवाल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अधिवक्ता देर शाम तक तहसील प्रांगण पर जमे रहे।













