हाथरस 04 अगस्त । मथुरा–कासगंज रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण को वित्तीय वर्ष 2023-24 के रेल बजट में मंजूरी मिल चुकी है और मार्च 2025 में इसके लिए 2.10 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति भी दी गई थी। इसके बावजूद पांच महीने गुजरने के बाद भी स्थाई सर्वे शुरू नहीं हो सका है। इससे ट्रैक के दोहरीकरण का कार्य अधर में लटका हुआ है और यात्रियों को अपेक्षित ट्रेनों की सुविधा नहीं मिल पा रही।
अभी केवल पांच जोड़ी पैसेंजर ट्रेनें
105 किलोमीटर लंबे इस ट्रैक पर फिलहाल रोजाना केवल पांच जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों का संचालन होता है। वहीं 12 जोड़ी साप्ताहिक और त्रैसाप्ताहिक ट्रेनों का संचालन भी किया जाता है। दोहरीकरण होने पर इस खंड पर एक्सप्रेस ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी।
मेंड़ू स्टेशन बन सकता है हब
जानकारी के अनुसार दोहरीकरण के बाद मेंड़ू रेलवे स्टेशन को हब बनाया जा सकता है, क्योंकि यहां पर्याप्त जगह उपलब्ध है। भविष्य में इसे दिल्ली–कानपुर रेलखंड से हाथरस जंक्शन के माध्यम से जोड़े जाने की योजना है।
एलीवेटेड ट्रैक पर विचार
राया, मुरसान और हाथरस सिटी क्षेत्र में जगह की कमी के चलते रेलवे एलीवेटेड ट्रैक बनाने का विकल्प तलाश रहा है। हालांकि मालगाड़ी संचालन में तकनीकी दिक्कतें देखते हुए भूमि अधिग्रहण कर नया ट्रैक बिछाने पर भी विचार किया जा रहा है।
अधिकारियों का कहना
वरिष्ठ मंडलीय वाणिज्य प्रबंधक, इज्जतनगर मंडल संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि गोरखपुर निर्माण विभाग के पास इस परियोजना की जिम्मेदारी है। स्थाई सर्वे के लिए टेंडर की प्रक्रिया जल्द पूरी होगी और विस्तृत जानकारी जुटाकर काम आगे बढ़ाया जाएगा।