नई दिल्ली 11 नवम्बर। “हास्य कवियों से अनुरोध है कि कवि सम्मेलन में जब कोई नेता बैठा हो तो नेताओं पर कविता मत सुनाया करो, क्योंकि हमें भी इसी जनता से वोट मांगने होते हैं।” – ये शब्द हैं दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज के। वे काका हाथरसी समारोह में हास्य कवियों के बीच बोल रहे थे।
9 नवंबर की शाम को राजधानी के मुक्तधारा सभागार में ठहाकों का बेमिसाल महोत्सव हुआ। इस अवसर पर लोकप्रिय हास्य कवि चिराग़ जैन को ‘काका हाथरसी हास्य-रत्न सम्मान’ से सम्मानित किया गया। दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने चिराग़ जैन को यह सम्मान दिया। काका हाथरसी पुरस्कार ट्रस्ट की ओर से काकाजी के पौत्र और ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी अशोक गर्ग ने चिराग़ जैन को एक लाख रुपये की सम्मान राशि अर्पित की। काका परिवार के अन्य सदस्यों ने अतिथियों का सत्कार किया। काका हाथरसी का पूरा परिवार इस अवसर पर उपस्थित रहा। पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा, अरुण जैमिनी, महेंद्र अजनबी, प्रवीण शुक्ल, मनीषा शुक्ला, शशिकांत यादव और मनवीर मधुर समेत अनेक हास्य कवि भी मंच की शोभा बढ़ा रहे थे।
ज्ञातव्य है कि सन 1975 में काका हाथरसी पुरस्कार ट्रस्ट की स्थापना की गई थी। तब से निरंतर काका हाथरसी पुरस्कार दिया जा रहा है। यह 49वाँ पुरस्कार था। डा. गिरिराज शरण अग्रवाल और डा. मीना अग्रवाल द्वारा संपादित ‘काका हाथरसी स्मृति ग्रंथ’ तथा चिराग़ जैन द्वारा लिखी गई पाठ्यक्रम शृंखला ‘गुल्लक’ का भी इस समारोह में भव्य लोकार्पण हुआ। श्रोताओं से खचाखच भरे सभागार में चार घंटे तक भव्य हास्य कवि सम्मलेन भी आयोजित किया गया। चिराग़ जैन ने इस अवसर पर मंचीय कवियों की चुनौतियों का दर्द भी साझा किया और जमकर ठहाके भी लगवाए। श्रोता दीर्घा में अध्यापक,वैज्ञानिक, पत्रकार, चिकित्सक, इंजीनियर, राजनेता, व्यापारी, साहित्यकार, विद्यार्थी और प्रशासनिक अधिकारियों समेत तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। श्रोताओं ने शिष्ट तथा सभ्य हास्य के इस महोत्सव की भूरि-भूरि प्रशंसा की और चिराग़ जैन को बधाइयां दीं।