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नई दिल्ली 29 दिसंबर । नौकरी दिलाने के नाम पर डंकी रूट से विदेश भेजने वाले अवैध एजेंटों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई की तैयारी है। विदेश मंत्रालय ने ऐसे 3505 अवैध एजेंटों की पहचान कर उनका ब्योरा ई-माइग्रेट पोर्टल पर सार्वजनिक कर दिया है। साथ ही सभी राज्य सरकारों को इन एजेंटों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। मंत्रालय ने आम जनता से भी अपील की है कि वे ऐसे एजेंटों से सावधान रहें और बिना पुष्टि के विदेश जाने से बचें। विदेश मंत्रालय के अनुसार विदेशों में नौकरी से जुड़े कार्यों के लिए एजेंटों का पंजीकरण अनिवार्य है। फिलहाल 2463 एजेंट पंजीकृत हैं, जो तय नियमों के तहत विदेश में रोजगार दिलाने का कार्य करते हैं। लेकिन पंजीकृत एजेंटों की तुलना में कहीं अधिक संख्या में अपंजीकृत एजेंट सक्रिय पाए गए हैं, जो लोगों को झांसे में लेकर अवैध तरीके से विदेश भेज रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक ये एजेंट कई देशों की मुक्त वीजा नीति का गलत फायदा उठा रहे हैं। दर्जनों देशों में भारतीयों के लिए वीजा फ्री, वीजा ऑन अराइवल या ई-वीजा की सुविधा है, जो केवल पर्यटन के लिए होती है, लेकिन एजेंट इसी वीजा पर लोगों को नौकरी के नाम पर भेज देते हैं। खासतौर पर थाईलैंड, लाओस, कंबोडिया, वियतनाम, मलेशिया जैसे देशों के जरिए लोगों को भेजा जा रहा है। वहीं रूस और ईरान में भी अवैध तरीके से नौकरी के नाम पर लोगों को भेजे जाने के मामले सामने आए हैं। रूस में कई लोगों को झांसे में लेकर रूसी सेना में सहायक के तौर पर भर्ती कराए जाने की बात भी सामने आई है। पंजाब में बड़े पैमाने पर एजेंटों द्वारा लोगों को अमेरिका और कनाडा भेजने का अवैध नेटवर्क सक्रिय बताया गया है। इसके अलावा पंजाब, हरियाणा, बिहार, उत्तराखंड, दिल्ली सहित कई राज्यों में अवैध एजेंटों की संख्या अधिक है। आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में 350, यूपी में 454, बिहार में 63, हरियाणा में 42, उत्तराखंड में 14, केरल में 340, तेलंगाना में 131 और कर्नाटक में 90 अवैध एजेंट सक्रिय बताए गए हैं, जिनको लेकर अलर्ट जारी किया गया है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि लोग सिर्फ वर्क परमिट पर ही विदेश में नौकरी के लिए जाएं। पर्यटन वीजा पर नौकरी करना पूरी तरह अवैध है। साथ ही मंत्रालय ने लोगों को सलाह दी है कि विदेश जाने से पहले ई-माइग्रेट पोर्टल पर जाकर एजेंट और विदेशी नियोक्ता दोनों की पुष्टि जरूर करें। फिलहाल पोर्टल पर 2,97,054 विदेशी नियोक्ता पंजीकृत हैं। मंत्रालय का कहना है कि सतर्कता ही इस तरह की धोखाधड़ी से बचने का सबसे बड़ा उपाय है।

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