
हाथरस 21 दिसंबर । श्री रामेश्वरदास अग्रवाल कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आज रविवार से दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का भव्य शुभारम्भ हुआ। सम्मेलन का विषय “उच्च शिक्षा एवं कौशल विकास: भारत में आजीविका के लिए संभावनाएँ और चुनौतियाँ” रहा, जिसमें भारत सहित कई देशों के शिक्षाविद, वक्ता और शोधार्थी शामिल हुए। सम्मेलन का शुभारम्भ सरस्वती वंदना एवं स्वागत गान से हुआ। मुख्य अतिथि राजा महेन्द्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय अलीगढ़ के कुलपति प्रो. नरेन्द्र बहादुर सिंह ने कहा कि यह देखना आवश्यक है कि व्यक्ति की योग्यता का उपयोग किस प्रकार हो रहा है। व्यक्तिगत क्षमता अपने देश में बढ़ाई जा सकती है इसके लिए विदेश जाने की आवश्यकता नहीं है शिक्षा को खरीदने की वस्तु बना देना सबसे बडा अपराध है। इससे शिक्षा और ज्ञान नहीं मिलता केवल डिग्री मिल जाती है। हमें अपनी सोच और समाज दोनो में परिवर्तन लाना होगा। हम भारतीय हैं यह गर्व का विषय है। हुनरमंद बने और आँखें खोले। ज्ञान सर्वत्र हैं।मुख्य वक्ता अमित सिंह ने शिक्षा को रोजगारोन्मुख बनाने और विद्यार्थियों की व्यक्तिगत क्षमता विकसित करने पर बल दिया। विशिष्ट अतिथि प्रो. मुकेश भारद्वाज ने शिक्षण संस्थानों को संस्कारों का केंद्र बताया, जबकि सुश्री नलिनी भाटिया (यूएसए) ने कहा कि बच्चों की रुचि और कौशल का विकास बाल्यकाल से ही किया जाना चाहिए। पोलैंड से ऑनलाइन जुड़े प्रो. क्रिस्टोफ स्टैक ने ज्ञान को उपयोगी बनाने में इंटरनेट की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विश्व में ज्ञान सर्वत्र है केवल उसे उपयोगी बनाने की आवश्यकता है। बच्चे इंटरनेट की मदद से यह कर सकते है। सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए पद्मनरायण अग्रवाल ने युवाओं के कौशल विकास के लिए देश में चल रही विभिन्न पहलों की सराहना की। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षकों और शोधार्थियों ने शोध पत्र प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. अनामिका सिंह एवं डॉ. बरखा भारद्वाज ने किया। इसके साथ ही डाॅ ललितेश तिवारी ने सभी का आभार व्यक्त कर सत्र समाप्ति की घोषणा की। तत्पश्चात अनेक शिक्षकों एवं शोधार्थियों द्वारा अपने-अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये।










