
हाथरस 18 दिसंबर । हाथरस में जनपद स्तरीय टीबी टास्क फोर्स कम स्टीयरिंग कमेटी की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में जिला विकास अधिकारी पी.एन. यादव की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य टीबी रोगियों की मृत्यु दर कम करना, संभावित रोगियों की शीघ्र जांच और उपचार सुनिश्चित करना तथा जनपद को टीबी मुक्त बनाना है। जिला विकास अधिकारी ने कहा कि टीबी के लापता रोगियों की पहचान करना आवश्यक है ताकि मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट टीबी से बचाव किया जा सके। उन्होंने टीबी रोगियों को पूर्ण उपचार उपरांत टीबी चैम्पियन के रूप में चिन्हित करने और जनपद की सभी ग्राम पंचायतों/वार्डों को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में काम करने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान टीबी रोगियों को पोषाहार वितरण भी किया गया। बैठक में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी मुक्त भारत अभियान की प्रगति की समीक्षा की गई। जिला विकास अधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि टीबी रोगियों को नियमित पोषण सहायता दी जाए, सक्रिय रोगी खोज अभियान तेज किया जाए और सभी रोगियों का समय पर पंजीकरण, उपचार और फॉलोअप सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों, स्वयंसेवी संस्थाओं और औद्योगिक इकाइयों को ‘निक्षय मित्र’ योजना के तहत अधिक से अधिक रोगियों को गोद लेने के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। जिला क्षय रोग अधिकारी ने बैठक में बताया कि जनपद में वर्ष 2024 में कुल 156 और वर्ष 2025 में कुल 166 रोगियों का डीआरटीबी पंजीकरण हुआ है, जिन्हें नियमित उपचार प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने टीबी के लक्षण, प्रकार, जांच और उपचार प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी और बताया कि टीबी एक संक्रामक और नोटिफाएबल बीमारी है, जिसे सभी स्तरों पर सूचित करना अनिवार्य है। बैठक में प्रभारी अधिकारी कलेक्ट्रेट, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला सूचना अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी और समिति के अन्य सदस्य उपस्थित रहे। जिला विकास अधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को आपसी समन्वय के साथ प्रभावी प्रयास करने और जनपद को टीबी मुक्त बनाने की पूर्ण प्रतिबद्धता रखने के निर्देश दिए।











