
हाथरस 10 दिसंबर । श्री रामदरबार प्रभात फेरी संकीर्तन मंडल और श्री रामदरबार प्रबंधक समिति द्वारा 12 दिसंबर दिन शुक्रवार को भव्य श्री सीताराम विवाह महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। यह दिव्य आयोजन रामचौक स्थित श्री राम दरबार मंदिर में गोधूलि बेला में संपन्न होगा। इस अवसर पर मंदिर को विशेष रूप से जनकपुरी के रूप में सजाया जाएगा, जिससे शहरवासियों को एक अद्भुत दैवीय माहौल का अनुभव होगा। महोत्सव के तहत अलीगढ़ रोड स्थित नवग्रह मंदिर को अवधपुरी के रूप में सजाया जाएगा। यहीं से भगवान श्री राम, श्री भरत, श्री लक्ष्मण और श्री शत्रुघ्न चार घोड़ों पर सवार होकर बैंड-बाजे और झांकियों के साथ श्री रामदरबार जनकपुरी के लिए प्रस्थान करेंगे। श्री रामदरबार मंदिर के प्रबंधक मनोज बूटिया ने पत्रकार वार्ता में बताया कि उनके पूज्य पिताजी सेठ स्वर्गीय कैलाशचंद्र बूटिया हर वर्ष इस विवाह उत्सव को बड़े उत्साह और भव्यता के साथ मनाते थे। उनकी प्रेरणा से यह परंपरा आज भी जारी है। इस पावन अवसर पर एक ब्राह्मण कन्या का वास्तविक विवाह भी श्री सीताराम जी की कृपा से संपन्न कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि पिछले वर्षों में जिन कन्याओं का विवाह यहां संपन्न हुआ, वे सभी सुखी और संपन्न हैं। शहर में घूमकर लोगों को बारात में शामिल होने के लिए निमंत्रण पत्र वितरित किए गए हैं। इस भव्य आयोजन में मंत्री, जिला पंचायत अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष, विधायक, एमएलसी, चेयरमैन, आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और विभिन्न सामाजिक व व्यापारिक संगठनों के सदस्य शामिल होंगे।
पत्रकार वार्ता में मनोज बूटिया, दीपक बूटिया, संजीव बूटिया, सजल बूटिया, अचल बूटिया, राकेश वर्मा, दुर्गेश वार्ष्णेय, पंडित दिनेश गुरु जी, मीडिया प्रभारी राजू शर्मा व अनिल शर्मा अनूप अग्रवाल, उदय अजय कुलश्रेष्ठ, अभय अग्रवाल, बंटी अग्रवाल, गिरधर, राकेश बुटिया, सीताराम, उमेश शर्मा, अनूप अग्रवाल, पवन सारस्वत, गोविंद, पंडित भोले शंकर शर्मा, मुकेश शर्मा, मनीष मित्तल, बाल गोविंद, अनिल शर्मा, श्रवण पंडित, बालगोविंद, रवि, विशाल अग्रवाल, गौरव अग्रवाल, सुनील सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। प्रबंधक समिति ने जनता से अपील की है कि अधिक से अधिक लोग श्री राम जी की बारात में नवग्रह मंदिर से सांय 4 बजे पधारकर इस भव्य महोत्सव की शोभा बढ़ाएं। आयोजन में मंदिर के सजावटी कार्यक्रम, बैंड-बाजे और झांकियों के साथ-साथ सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी होंगी, जो इसे और भी रंगीन और यादगार बनाएंगी। यह महोत्सव न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज में सौहार्द, भाईचारा और परंपराओं के संरक्षण का संदेश भी फैलाता है। इस भव्य अवसर को देखकर हाथरस के लोग इसे वर्षों तक याद रखेंगे।













