
हाथरस 09 दिसम्बर । कोतवाली सादाबाद क्षेत्र के गांव गढ़उमराव निवासी समीर अली पुत्र सप्तान खां और उनके भाई सगीर अली के साथ विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर बड़ी धोखाधड़ी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जुलाई 2025 में नवी मुंबई, महाराष्ट्र निवासी प्रमोद कुमार यादव से मोबाइल पर बातचीत के दौरान थाईलैंड (बैंकॉक) में 80 हजार रुपये मासिक वेतन, मुफ्त रहने–खाने और कंपनी वीजा का झांसा देकर दोनों भाइयों को विदेश बुलाया गया। आरोपी प्रमोद ने प्रति उम्मीदवार 1 लाख 20 हजार रुपये मांगे, जिस पर विश्वास कर समीर ने यूपीआई और बैंक खातों के माध्यम से कुल 2 लाख 35 हजार रुपये प्रमोद के खाते में ट्रांसफर कर दिए।
31 जुलाई 2025 को दोनों भाई मुंबई एयरपोर्ट से बैंकॉक पहुंचे, जहां पहले से भेजे गए टिकट, होटल बुकिंग और जॉब ऑफर लेटर दिखाकर उन्हें भरोसे में लिया गया। थाईलैंड पहुंचने के बाद उन्हें एक ड्राइवर द्वारा अलग होटल में छोड़ा गया और फिर जंगल के रास्तों से कई गाड़ियों में बैठाकर अलग-अलग देशों के युवकों के साथ लंबी दूरी तक ले जाया गया। कई घंटे पैदल चलाने के बाद उन्हें झोपड़ी में बंद रखा गया और रात में नाव से नदी पार कराकर म्यांमार के केके पार्क पहुंचा दिया गया, जहां उनसे जबरन “साइबर स्लेवरी” का काम कराने का दबाव बनाया गया।
जब दोनों भाइयों ने इस अवैध काम से इनकार किया तो उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए गए और कई दिनों तक उन्हें भूखा रखा गया। मजबूरी में काम करने के बाद एक दिन कंपनी परिसर में भगदड़ के दौरान रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और पुलिस उन्हें म्यांमार के ही रिफ्यूजी कैंप में ले आई। किसी तरह उन्होंने अपने पासपोर्ट वापस हासिल किए और कैम्प में कुछ दिन रहने के बाद 18 नवंबर 2025 को इंडियन एयरफोर्स के विमान से उन्हें भारत लाया गया। इसके बाद उन्हें हिण्डौन, गाजियाबाद और दिल्ली ले जाकर विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने पूछताछ की तथा अंततः आनंद विहार से बस द्वारा फिरोजाबाद होते हुए दोनों भाई अपने घर पहुंचे। पीड़ित परिवार ने आरोपी एजेंट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।












