
हाथरस 03 दिसंबर । रूस के प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन के भारत आगमन से दोनों देशों के बीच संबंधों में नई प्रगाढ़ता की उम्मीद जताई जा रही है। ऐसे में भारत-रूस दोस्ती के वह सुनहरे दिन भी याद आते हैं जब पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध के दौरान रूस ने अमेरिका को भारत पर हमला करने से रोका था। आज भी कई दुर्लभ ऐतिहासिक निशानियाँ इस मजबूत रिश्ते की गवाही देती हैं। शहर के सर्राफा व्यवसायी और ऐतिहासिक वस्तुओं के संग्रहकर्ता शैलेंद्र वार्ष्णेय के पास रूस और भारत की साझी दोस्ती को दर्शाने वाले अनमोल टिकट और लिफाफे सुरक्षित मौजूद हैं। यह किसी को भी हैरान कर सकता है कि एक दूसरे देश ने भारत के स्मारकों को सम्मान देते हुए उन पर डाक टिकट जारी किए थे। रूस द्वारा जारी इन टिकटों पर तिरंगा, लाल किला, अशोक स्तंभ और दोनों देशों के झंडे छपे हुए हैं, जो उस दौर की गहरी मित्रता के प्रतीक हैं। रूस द्वारा जारी लिफाफों पर ‘मृग विमान’ सहित कई भारतीय चिन्ह भी अंकित हैं, जिन्हें देखकर हर भारतीय का हृदय गर्व से भर उठता है। शैलेंद्र वार्ष्णेय का कहना है कि विश्व की महाशक्ति रूस हमेशा भारत का भरोसेमंद साथी रहा है, परंतु अमेरिका की ओर झुकाव ने इस रिश्ते को कुछ कमजोर अवश्य किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत-रूस संबंध फिर उसी मजबूती की ओर लौटेंगे, और दोनों देशों की दोस्ती विश्व के लिए एक उत्कृष्ट उदाहरण बनेगी।











