
हाथरस 24 नवम्बर । कोतवाली हाथरस गेट क्षेत्र के गांव कछपुरा में परिवारिक विवाद में हस्तक्षेप के दौरान पुलिस पर बर्बरता का गंभीर आरोप लगा है। गुरुवार रात हुए वाद-विवाद में हवाई फायरिंग की सूचना पर पहुंची पुलिस टीम और उपनिरीक्षक पर पीड़ित परिवार ने घर में घुसकर गाली-गलौज एवं मारपीट करने का आरोप लगाया है। घटना के सात दिन बाद भी कार्रवाई न होने से पीड़ित परिवार सोमवार को भीम आर्मी के पूर्व पदाधिकारियों के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा। पीड़ित हाकिम सिंह ने बताया कि 18 नवंबर की रात उनके परिवार में विवाद हो गया था, जिसकी सूचना उन्होंने डायल 112 पर दी। मौके पर पीआरवी टीम और कोतवाली हाथरस गेट में तैनात उपनिरीक्षक त्रिवेंद्र सिंह पहुंचे। पीड़ित का आरोप है कि मौके पर पहुंचते ही पुलिसकर्मियों ने गाली-गलौज शुरू कर दी, और जब उनके बेटे ने वीडियो बनाने का प्रयास किया तो पुलिस ने परिवार के सदस्यों को महिलाओं सहित के साथ लाठियों और प्लास्टिक डंडों से मारपीट की।
पीड़ित परिवार का कहना है कि मारपीट की यह घटना घर में लगे सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड हो गई थी, लेकिन जैसे ही पुलिस को कैमरों का पता चला, उपनिरीक्षक त्रिवेंद्र सिंह व अन्य पुलिसकर्मी घर में घुस गए और तोड़फोड़ करते हुए सीसीटीवी की DVR और मोबाइल फोन उठा ले गए। पीड़ित का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी और बाद में उन्हें शांति भंग की धारा में चालान कर दिया गया। जमानत मिलने के बाद जब हाकिम सिंह ने उपनिरीक्षक त्रिवेंद्र सिंह से DVR और मोबाइल वापस मांगा तो उन्हें दुबारा धमकाया गया। हाकिम सिंह के पास उपनिरीक्षक की इस कथित धमकी की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी मौजूद है। पीड़ित परिवार ने 21 नवंबर को पुलिस अधीक्षक चिरंजीव नाथ सिन्हा के कार्यालय में सीसीटीवी फुटेज और लिखित शिकायत सौंपकर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन अब तक आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि पुलिस जांच के नाम पर दोषियों को बचाने की कोशिश की जा रही है। पीड़ित हाकिम सिंह और भीम आर्मी के पूर्व जिला प्रचारक विजय जाटव ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे दलित उत्पीड़न के मामले को लेकर शासन और आयोग तक शिकायत दर्ज कराने को मजबूर होंगे। फिलहाल, पीड़ित परिवार पुलिस कार्रवाई से भयभीत है और न्याय की मांग कर रहा है।








