सिकंदराराऊ (हसायन) 23 नवंबर । जरेरा पुलिस चौकी क्षेत्र के गाँव मीरपुर में दलित परिवार के साथ हुई मारपीट के प्रकरण में पीड़ित पिछले एक माह से न्याय के लिए कोतवाली के चक्कर लगा रहा है, लेकिन आज तक रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी। पीड़ित राजकुमार पुत्र रामचंद्र ने बताया कि 24 अक्तूबर को उसके बच्चे खेत पर आलू की गड़ाई के लिए गए थे, जहाँ कुछ नामजद ग्रामीणों ने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली-गलौज और मारपीट की। दोपहर के भोजन के समय बच्चे घर लौट आए तो आरोपियों ने घर पर पहुँचकर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। मारपीट के दौरान पीड़ित परिवार अपनी जान बचाने के लिए पशुओं के घेर की ओर भागा, लेकिन हमलावर वहाँ भी पहुँच गए। घटना का एक वीडियो भी ग्रामीणों ने रिकॉर्ड किया है। पीड़ित ने बताया कि पुलिस को तहरीर देने के बावजूद कोतवाली द्वारा केवल एक व्यक्ति के खिलाफ शांति भंग की कार्रवाई कर इति श्री कर दी गई, जबकि घर में घुसकर मारपीट, गाली-गलौज और जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल जैसी गंभीर धाराओं में कार्रवाई अभी तक नहीं की गई। पीड़ित परिवार निराश होकर हर रोज कोतवाली के चक्कर लगा रहा है और अब मानसिक रूप से बेहद परेशान है। राजकुमार ने रोते हुए कहा कि “यदि रिपोर्ट दर्ज नहीं करनी है, तो मेरा एक पुत्र है, उसे भी मरवा दो।” पीड़ित परिवार ने पुलिस अधीक्षक चिरंजीव नाथ सिन्हा से न्याय की गुहार लगाई है और आरोप लगाया कि एक माह बीत जाने के बाद भी कार्रवाई न होने से परिवार भय और असुरक्षा में जी रहा है।