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सादाबाद 16 नवंबर । नौगांव न्याय पंचायत की आठ ग्राम पंचायतों में दुधारू पशुओं, विशेषकर भैंसों में एक अज्ञात बीमारी तेजी से फैल रही है। इस बीमारी के कारण ग्राम पंचायत मंस्या में एक सप्ताह के भीतर 20 से अधिक भैंसों की मौत हो चुकी है। पशुपालन विभाग की निष्क्रियता के चलते पशुपालकों को लाखों रुपये का नुकसान हो चुका है। लगातार हो रही इन मौतों से क्षेत्र के पशुपालक आर्थिक रूप से टूट गए हैं। एक भैंस की कीमत 80 हजार से लेकर 1.25 लाख रुपये तक होती है। गांव के संजय, दारा सिंह, नेहना, होशियार सिंह, सत्यवीर सिंह, राजकुमार, सत्यदेव, योगेश और दिनेश जैसे कई पशुपालकों की भैंसें इस बीमारी की चपेट में आकर मर चुकी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बीमारी का प्रकोप इतना तेज है कि न्याय पंचायत के कई गांवों में प्रतिदिन दो से तीन भैंसें दम तोड़ रही हैं। विभाग से कोई मदद न मिलने के कारण किसान अपनी जेब से पैसे खर्च कर निजी पशु चिकित्सकों से इलाज कराने को मजबूर हैं। निजी डॉक्टर प्रति विजिट 500 से 800 रुपये तक शुल्क ले रहे हैं। पशुपालक योगेश ने बताया, “हमारे यहां बीमारी फैलती जा रही है। विभाग को कोई चिंता नहीं है। मरने के बाद पंचनामा तक करने नहीं आए। पूरा नुकसान हम किसानों का हो रहा है।” एक अन्य ग्रामीण ने कहा कि उनकी एक लाख रुपये की भैंस 24 घंटे में मर गई और उन्हें खुद दवा खरीदकर इलाज कराना पड़ रहा है। इस संबंध में पशुचिकित्साधिकारी पवित्रजीत सिंह ने बताया कि उन्हें भैंसों की बढ़ती मौतों की जानकारी मीडिया के माध्यम से मिली है। उन्होंने तुरंत एक वेटरिनरी टीम को प्रभावित गांवों में भेजने के निर्देश दिए हैं। टीम बीमारी की जांच कर उपचार शुरू करेगी ताकि स्थिति को जल्द नियंत्रित किया जा सके।

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