
हाथरस 14 नवम्बर । देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर हर साल शहरवासियों के जेहन में पुरानी यादें ताजा हो जाती हैं। पंडित नेहरू का हाथरस से भी ऐतिहासिक संबंध रहा है। आजादी से पहले वह अपनी पत्नी कमला नेहरू के साथ यहां आए थे। इस कारण शहर के एक बाजार का नाम कमला बाजार रखा गया। सन 1932 में स्वतंत्रता आंदोलन के दौर में जब देशभर में आजादी का आंदोलन जोर पकड़ रहा था, तब पंडित जवाहरलाल नेहरू और कमला नेहरू हाथरस की यात्रा पर आए थे। उस समय अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जनजागरण के उद्देश्य से वे विभिन्न जनसभाओं और संपर्क अभियानों में शामिल हो रहे थे। नेहरू दंपती के हाथरस आगमन की स्मृति में शहर के सासनी गेट से गुड़हाई बाजार को जाने वाले मार्ग का नाम कमला बाजार रखा गया। यह नाम आज भी कायम है और स्थानीय लोग इसे गर्व से कमला बाजार के नाम से जानते हैं। कमला बाजार स्थित कामेश्वर महादेव मंदिर के मुख्य द्वार पर आज भी शिला पट्टिका लगी है, जिस पर कमला नेहरू बाजार लिखा हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जवाहरलाल नेहरू और कमला नेहरू के आगमन से उस समय पूरे शहर में उत्साह की लहर दौड़ गई थी। स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल स्थानीय कार्यकर्ताओं को इससे बड़ा हौसला मिला। यह घटना हाथरस के राजनीतिक और सामाजिक इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज है।














