
हाथरस 14 नवम्बर । उत्तर प्रदेश सरकार की मातृभूमि योजना ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए महत्वपूर्ण पहल है, जिसके माध्यम से वे लोग जो प्रदेश के मूल निवासी होने के बावजूद नौकरी, व्यवसाय या उद्यम के कारण अन्य प्रदेशों या विदेशों में रह रहे हैं, अपने गाँव के विकास में योगदान दे सकते हैं। इस योजना के तहत व्यक्ति, व्यक्तियों का समूह, प्रवासी भारतीय, एनजीओ या निजी संस्थाएं पंचायती राज अधिनियम की धारा 15 के तहत अनुमन्य विकास कार्यों—जैसे कक्षाओं का निर्माण, स्मार्ट क्लास, सामुदायिक भवन, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, आंगनबाड़ी केंद्र, पुस्तकालय, व्यायामशाला, ओपन जिम, सीसीटीवी सर्विलांस, शिल्पकारों के लिए सुविधाएं, अंत्येष्टि स्थल, तालाब सौंदर्यीकरण, जल संरक्षण, बस स्टैंड, यात्री शेड, स्ट्रीट लाइट आदि—का निर्माण करा सकते हैं। इन कार्यों की लागत में 60 प्रतिशत धनराशि सहयोगकर्ता द्वारा और 40 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी, तथा सहयोगकर्ता अपनी योजना का नामकरण अपनी इच्छानुसार कर सकता है। योजना का लाभ लेने के लिए सहयोगकर्ता को ऑनलाइन पोर्टल पर मोबाइल नंबर और ईमेल के माध्यम से पंजीकरण कर व्यक्तिगत यूज़र आईडी और पासवर्ड प्राप्त करना होता है, जिसके बाद वह योजना का विवरण दर्ज कर 60 प्रतिशत धनराशि जमा कर सकता है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस योजना के तहत सीसी रोड, सीसीटीवी कैमरे, शेड, सोलर लाइट, इंटरलॉकिंग, सौंदर्यीकरण, विद्यालय मरम्मत, पेयजल व्यवस्था, तालाब सौंदर्यीकरण, मैरिज हॉल निर्माण और जल निकासी से संबंधित लगभग 1.35 करोड़ रुपये की परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि लगभग 16 करोड़ रुपये की 21 परियोजनाएं प्रगति पर हैं और 25 से अधिक नई परियोजनाओं की कार्यवाही जारी है।














