
हाथरस 08 नवंबर । स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने और यात्रियों को क्षेत्र की विशेषता से परिचित कराने के उद्देश्य से रेलवे द्वारा चलाई जा रही महत्वाकांक्षी योजना एक स्टेशन–एक उत्पाद हाथरस जिले में धरातल पर सफल नहीं हो सकी। हाथरस सिटी और हाथरस जंक्शन रेलवे स्टेशनों पर लगाई गई हींग की बिक्री के स्टॉल अब बंद पड़े हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में यात्रियों को हाथरस की पहचान — हींग उपलब्ध कराने के लिए दोनों स्टेशनों पर ये स्टॉल शुरू किए गए थे। लेकिन यात्रियों का उम्मीद के अनुसार रुझान न मिलने से सिटी स्टेशन का स्टॉल पिछले एक साल से और जंक्शन स्टेशन का स्टॉल लगभग एक महीने से बंद है। रेलवे की ओर से स्टॉल के ठेकों के लिए आवेदन मंगाए गए थे, लेकिन किसी भी कारोबारी ने रुचि नहीं दिखाई। योजना के तहत 15 दिन से दो माह तक ठेका दिया जाता है ताकि छोटे उद्यमी भी इसमें भाग ले सकें। लेकिन कम अवधि के ठेके, स्टेशन पर सीमित बिक्री और किराया-रखरखाव के अधिक खर्च को देखते हुए व्यवसायियों ने इसे लाभदायक नहीं माना। उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज के पीआरओ अमित कुमार सिंह ने बताया कि नियम बोर्ड स्तर से तय होते हैं। फिर भी स्थानीय समस्याओं का ब्योरा लेकर कुछ सुधारात्मक कदम उठाए जा सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर शुरू हुई यह योजना स्थानीय उद्योगों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में बनाई गई थी, लेकिन हाथरस जिले में फिलहाल यह योजना कागजों में सिमटकर रह गई है।









