सिकंदराराऊ (हसायन) 01 नवम्बर । कस्बा व देहात क्षेत्र में शनिवार को देव प्रबोधनी एकादशी के पावन पर्व पर वैदिक सनातन धर्म के अनुयायियों ने देवोत्थान का पर्व पूरे उत्साह और परंपरागत रीति-रिवाजों के साथ मनाया। सुबह से ही घर-घर में महिलाओं ने देवों के उत्थान के लिए साफ-सफाई कर जमीन पर गेरू-खड़िया से देव आकृतियों को सजाया। बाजारों में सिंघाड़ा, गन्ना, सेकरम, शकरकंद, गुड़-चना, मूंगफली व अन्य खाद्य सामग्री खरीदने के लिए भारी भीड़ देखने को मिली। धार्मिक मान्यता के अनुसार, आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की भडली नवमी से भगवान श्रीहरि शयन में चले जाते हैं और कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को जागते हैं। देवोत्थान के बाद ही विवाह, गृह प्रवेश व अन्य शुभ कार्य प्रारंभ माने जाते हैं। इसी परंपरा के चलते शनिवार को कस्बा व देहात में शादी-विवाह कार्यक्रमों की धूम रही और बाजारों में जाम की स्थिति तक बन गई। शाम होते ही भक्तों ने भगवान विष्णु श्रीहरि की पारंपरिक विधि से पूजा-अर्चना कर “उठो देव, बैठो देव, पांवुरिया चटकाओ देव” के जयकारों के साथ वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
इसी शुभ अवसर पर खाटू श्याम के जन्मोत्सव को लेकर बड़ी संख्या में महिला और पुरुष भक्त खाटू श्यामजी के दरबार के लिए रवाना हुए। वहीं कई श्रद्धालु ब्रज क्षेत्र के दर्शनों व गिरिराज गोवर्धन महाराज की चौरासी कोसीय और इक्कीस कोसीय परिक्रमा प्रारंभ करने के लिए ट्रेन-बस सहित विभिन्न साधनों से निकले। श्रद्धालुओं ने श्री बांकेबिहारी मंदिर, श्रीजी मंदिर, प्रेम मंदिर और महामाई श्री वैष्णो देवी सहित अनेक देव स्थलों के दर्शन का संकल्प लिया, जिससे पूरे क्षेत्र में पर्व जैसा उल्लासपूर्ण माहौल रहा।










