
हाथरस 27 अक्टूबर । प्रदेश सरकार गरीबों, किसानों, असहायों और निराश्रितों के सर्वांगीण विकास के लिए लगातार कल्याणकारी योजनाएँ चला रही है। इन्हीं योजनाओं में से एक है वृद्धावस्था एवं किसान पेंशन योजना, जिसके माध्यम से उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग पात्र बुजुर्गों और किसानों को आर्थिक सहारा प्रदान कर रहा है। इस योजना के तहत 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के ऐसे असहाय, गरीब और गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले पुरुष एवं महिलाएँ पेंशन पाने के लिए पात्र हैं। पात्रता की आयु एवं आय सीमा के अंतर्गत आने वाले वृद्ध किसान भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। प्रदेश सरकार इन पात्र लाभार्थियों को ₹1000 प्रतिमाह (₹12,000 वार्षिक) की पेंशन सीधे उनके बैंक खातों में भेज रही है। इससे बुजुर्गों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो रही है और वे आत्मनिर्भर बन रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लाभार्थियों का चयन ग्राम पंचायत की खुली बैठक में किया जाता है। ग्राम पंचायत से प्राप्त प्रस्ताव खंड विकास अधिकारी कार्यालय के माध्यम से जिला समाज कल्याण अधिकारी को भेजा जाता है। शहरी क्षेत्रों में यह प्रक्रिया उपजिलाधिकारी या सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से होती है।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के दौरान आवेदक को अपना फोटो, जन्म/आयु प्रमाणपत्र, पहचान पत्र (वोटर आईडी/आधार/राशन कार्ड), बैंक पासबुक, निवास और आय प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होता है। ऑनलाइन प्रणाली से आवेदन पत्रों का निस्तारण समयबद्ध और पारदर्शी ढंग से होता है। पेंशन राशि में 60 से 79 वर्ष आयु वर्ग के लिए ₹800 राज्यांश और ₹200 केंद्रांश शामिल है, जबकि 80 वर्ष या उससे अधिक आयु वालों के लिए ₹500-₹500 का अंशदान क्रमशः राज्य और केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस योजना का लाभ अधिकतम पात्रों तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है। वर्ष 2017-18 में जहाँ 37.47 लाख लाभार्थी थे, वहीं वर्ष 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 67.50 लाख हो गई है। मौजूदा कार्यकाल में 30.03 लाख नए पेंशनरों को इस योजना से जोड़ा गया है। सरकार ने अब तक करोड़ों रुपये व्यय कर प्रदेश के असहाय, गरीब और वृद्ध नागरिकों को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अवसर प्रदान किया है।











































