
नई दिल्ली 26 अक्टूबर । भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश की बैंकिंग व्यवस्था में सुधार के लिए 238 नए बैंकिंग नियमों का ड्राफ्ट जनता के लिए जारी किया है। इन नियमों पर सुझाव 10 नवंबर 2025 तक मांगे गए हैं। सुझावों और बैंकिंग संस्थानों की प्रतिक्रियाओं को ध्यान में रखते हुए ये नियम 2026 की शुरुआत से लागू किए जा सकते हैं। नए नियमों के तहत लॉकर सुरक्षा में बड़ा बदलाव किया गया है। यदि किसी ग्राहक का लॉकर बैंक की लापरवाही या सुरक्षा चूक के कारण चोरी या नुकसान का शिकार होता है, तो बैंक को लॉकर किराए के 100 गुना तक हर्जाना देना होगा। KYC प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है। सामान्य जोखिम वाले खातों के लिए KYC हर 10 साल में एक बार, मध्यम जोखिम वाले खातों के लिए हर 8 साल में और उच्च जोखिम वाले खातों के लिए हर 2 साल में पूरी करनी होगी। इससे ग्राहकों को बार-बार दस्तावेज जमा कराने की झंझट से राहत मिलेगी। लोन नियमों में भी बदलाव किए गए हैं। सभी बैंकों को ब्याज दर तय करने के लिए समान फॉर्मूला अपनाना होगा और सभी लोन पर प्रीपेमेंट पेनाल्टी पूरी तरह समाप्त कर दी जाएगी, जिससे ग्राहक समय से पहले लोन चुका सकेंगे। 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र के ग्राहकों को घर बैठे बैंकिंग सुविधाएं दी जाएंगी, यानी बैंक अधिकारी घर जाकर आवश्यक सेवाएं प्रदान करेंगे। आरबीआई ने कहा है कि इन नियमों को जनता और बैंकों के सुझावों पर विचार करने के बाद 1 जनवरी 2026 से 1 अप्रैल 2026 के बीच चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। इससे बैंकिंग पारदर्शिता बढ़ेगी, ग्राहक अनुभव सुधरेगा और बैंकिंग प्रणाली अधिक जिम्मेदार बनेगी।













































