
सिकंदराराऊ 22 अक्टूबर । तहसील सिकंदराराऊ के विभिन्न गांवों में पराली जलाने की घटनाओं को दृष्टिगत रखते हुए जिलाधिकारी के निर्देश पर प्रशासन ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। अब तक पराली जलाने के कुल 15 मामलों में से 12 मामलों में किसानों पर अर्थदंड लगाया गया है। लेखपाल और संग्रह अमीनों को वसूली के निर्देश भी दे दिए गए हैं। उपजिलाधिकारी सिकंदराराऊ ने बताया कि खेडिया कला में 3, लोधी पुर पट्टी देवरी में 4, टिकरी खुर्द में 2, अंडोली में 1 और कानऊ में 2 किसानों द्वारा पराली जलाए जाने के कारण अर्थदंड लगाया गया। सबसे अधिक ₹10,000 का जुर्माना भूरी सिंह, पुत्र शेरपाल सिंह, ग्राम कानऊ के खिलाफ लगाया गया। उपजिलाधिकारी ने बताया कि किसानों द्वारा फसल अवशेष जलाना राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश के अनुसार दंडनीय अपराध है। 2 एकड़ तक के क्षेत्र के लिए ₹5,000, 2–5 एकड़ के लिए ₹10,000 और 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र में ₹30,000 तक पर्यावरण क्षतिपूर्ति वसूली के आदेश हैं। जिलाधिकारी के आदेश के अंतर्गत तहसील स्तर पर विशेष प्रवर्तन दल गठित किया गया है, जिसमें विकास, राजस्व और कृषि विभाग के अधिकारी मौके पर जाकर जांच करते हैं और दोषियों पर दंड आरोपित करते हैं। साथ ही, उपजिलाधिकारी ने कहा कि यदि बिना सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम के कम्बाइन हार्वेस्टर चलता पाया गया, तो उसे तत्काल सीज कर कार्रवाई की जाएगी। इस कदम से क्षेत्र में किसानों को साफ संदेश दिया गया है कि पराली जलाना अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाएगी।














































