
हाथरस 19 अक्टूबर । सावन कृपाल रूहानी मिशन की शाखा कृपाल आश्रम, गौशाला मार्ग हाथरस पर आज साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया। सत्संग का संचालन दयाल पुरुष संत दर्शन सिंह जी महाराज एवं मिशन के प्रमुख, विश्व आध्यात्मिक सतगुरु संत राजिंदर सिंह जी महाराज द्वारा ऑडियो-वीडियो माध्यम से किया गया। संत दर्शन सिंह जी महाराज ने संत चरन दास जी महाराज की पवित्र वाणी “प्रेम छुटावे जगत से, प्रेम ही पहुंचावे निजधाम” के माध्यम से समझाया कि प्रेम ही ऐसा मार्ग है जो हमें प्रभु की ओर ले जाता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मनुष्य को प्रेम, सदाचार, करुणा और निष्काम सेवा से परिपूर्ण जीवन जीना चाहिए। जब हम संत महापुरुषों के बताए प्रेममय मार्ग पर चलकर प्रभु की याद में निरंतर स्थिर रहते हैं, तो हम संसारिक मोह-माया से मुक्त होकर अपनी आत्मा को उसके मूल स्रोत में विलीन कर देते हैं। दीपावली पर्व के अवसर पर आश्रम परिसर को दीपों और रंगोलियों से सुंदरता पूर्वक सजाया गया। सत्संगी भाई-बहनों ने दीप जलाकर हर्षोल्लास के साथ दीपावली का पर्व मनाया। इस अवसर पर संत राजिंदर सिंह जी महाराज ने दीपावली के आध्यात्मिक पहलू को समझाते हुए कहा कि हमें बाहरी रोशनी के साथ-साथ अपने अंतर की दिव्यता को भी जागृत करना चाहिए और प्रभु की ज्योति का अनुभव करना ही सच्ची दीपावली है। इसके उपरांत जट्टारी, खैर से आए सत्संगकर्ता श्री छैल बिहारी जी ने सत्संग प्रस्तुत किया। उन्होंने आत्मा की यात्रा के पाँच मंडलों — पिंड, अंड, ब्रह्ममंड, पारब्रह्म और सचखंड — का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने बताया कि आत्मा का मूल स्थान सचखंड है, किंतु वह काल निरंजन के प्रभाव वाले निम्न मंडलों में भटक रही है। समय-समय पर प्रभु के आदेशानुसार पूर्ण संत इस धरती पर अवतरित होकर जीवात्माओं को सच्चे मार्ग से जोड़ते हैं और उन्हें प्रभु प्राप्ति का उपाय बताते हैं। कार्यक्रम में बच्चों के लिए बाल सत्संग का भी आयोजन हुआ, जिसमें उन्हें सच्चाई, नेकी, प्रेम, पवित्रता और अहिंसा से भरपूर जीवन जीने की शिक्षा दी गई। आश्रम परिसर में निःशुल्क एलोपैथिक और होम्योपैथिक डिस्पेंसरी भी लगाई गई, जिसमें जरूरतमंदों की मधुमेह और रक्तचाप की जांच कर दवाएँ निःशुल्क वितरित की गईं। सत्संग के पश्चात समस्त संगत के लिए अटूट लंगर प्रसादी का वितरण किया गया। पूरे कार्यक्रम का वातावरण भक्ति, प्रेम और आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत रहा।











