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हाथरस 18 अक्टूबर । हाथरस मंडी में इस समय धान किसानों के लिए मुश्किल भरे हालात बने हुए हैं। खरीद में देरी और पहले खरीदे गए धान का उठान न होने की वजह से आढ़तियों ने कई किसानों की फसल लेने से इन्कार कर दिया। इसके परिणामस्वरूप आज मंडी में धान की भारी आवक रही, 15 हजार क्विंटल की ही खरीद हो पाई। धान का रेट 3000 रुपये प्रति क्विंटल से घटकर 2400-2900 रुपये प्रति कुंतल पर आ गया। किसानों ने बताया कि आवक बढ़ने और खरीद में देरी की वजह से व्यापारियों ने रेट घटा दिया। शनिवार सुबह चार बजे से ही ट्रैक्टरों की लाइन गेट के बाहर लग गई थी और मंडी में प्रवेश पाने के लिए किसानों को काफी संघर्ष करना पड़ा। मंडी में जाम की स्थिति बनने के कारण कई बार अंदर पहुंचने के बाद भी फसल बेचने में कठिनाई हुई। किसानों का कहना है कि त्योहार के समय फसल न बेचने पर उनकी आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ेगा और मंडी प्रशासन को इस मामले में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

मंडी सचिव गौरव सिंह ने बताया कि इस समय धान की अधिकतर कटाई मशीन द्वारा की जा रही है, जिसके कारण एक सप्ताह का कटाई का काम कुछ ही घंटों में पूरा हो जाता है। फिलहाल मंडी में 70 प्रतिशत धान मशीन से आ रहा है, जबकि केवल 30 प्रतिशत हाथ से काटा गया धान है। मशीन से कटाई के बढ़ने के कारण फसल सीधे बोरों में भरकर मंडी पहुंच रही है, जिससे स्थान की कमी और जाम की स्थिति बन रही है। उनका कहना है कि किसानों और आढ़तियों दोनों के हित में मंडी में खरीद और भंडारण की व्यवस्था को सुधारना अत्यंत आवश्यक है। इस स्थिति से यह स्पष्ट हो रहा है कि हाथरस मंडी में इस वर्ष धान की भारी आवक और खरीद में असंतुलन ने किसानों को आर्थिक और मानसिक रूप से प्रभावित किया है। किसान चाहते हैं कि मंडी प्रशासन समय पर खरीद सुनिश्चित करे, फसल की उचित कीमत मिले और मंडी में जाम और अव्यवस्था से निजात मिले।

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