हाथरस 17 अक्टूबर । दीपावली पर्व के अवसर पर प्रदेश में पटाखों के असावधानीपूर्वक निर्माण और प्रयोग से होने वाली संभावित दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए राहत आयुक्त कार्यालय उत्तर प्रदेश एवं राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण लखनऊ की ओर से सभी जनपदों को सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। यह एडवाइजरी राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्गत दिशा-निर्देशों के अनुपालन में जारी की गई है। इसमें जनपद स्तर पर प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
प्रभारी अधिकारी (आपदा) के अनुसार दीपावली के दौरान पटाखों के अनुचित निर्माण या उपयोग से जन-धन की हानि की आशंका रहती है, इसलिए सुरक्षा मानकों का पालन अत्यंत आवश्यक है। एडवाइजरी में स्पष्ट किया गया है कि केवल लाइसेंस प्राप्त इकाइयों को ही पटाखा निर्माण की अनुमति होगी। अवैध रूप से संचालित इकाइयों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। निर्माण स्थलों पर फायर अलार्म सिस्टम, अग्निशमन यंत्र, रेत और पानी की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। धूम्रपान और मोबाइल फोन के प्रयोग पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा। सभी कर्मियों को सुरक्षा प्रशिक्षण दिया जाना और सुरक्षा वर्दी पहनना अनिवार्य होगा।
निर्माण इकाई में प्रयुक्त रासायनिक या ज्वलनशील पदार्थों का भंडारण निर्धारित मात्रा में और अलग-अलग स्थानों पर किया जाना चाहिए। तैयार पटाखों की पैकिंग और परिवहन निर्धारित सुरक्षा मानकों के अनुसार ही किया जाए। निर्माण इकाई हवादार, प्रकाशयुक्त तथा पर्याप्त खुली जगह में होनी चाहिए। बिजली के तारों और उपकरणों की नियमित जांच की जानी आवश्यक है। समय-समय पर औचक निरीक्षण किया जाएगा और अग्नि दुर्घटना से सुरक्षा-बचाव के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा।
पटाखा विक्रेताओं के लिए भी एडवाइजरी में दिशा-निर्देश दिए गए हैं। केवल वैध लाइसेंसधारी विक्रेता ही पटाखों की बिक्री कर सकेंगे। दुकानों को खुले और हवादार स्थानों पर लगाया जाए तथा वहां अग्निशमन यंत्र, रेत और पानी की बाल्टियाँ हर समय उपलब्ध रहें। दुकानों के आसपास धूम्रपान और खुली आग का प्रयोग पूर्णतः वर्जित रहेगा। ज्वलनशील पदार्थों के पास पटाखों का भंडारण नहीं किया जाएगा। ग्राहकों को पटाखों के सुरक्षित उपयोग की जानकारी दी जाए और खराब गुणवत्ता वाले पटाखे न बेचे जाएँ। दुकानों के आसपास भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखना आवश्यक है। साथ ही “धूम्रपान निषेध” और “खुली आग निषेध” के बोर्ड अनिवार्य रूप से लगाए जाएँ।
एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि किसी दुर्घटना या आपात स्थिति में सभी विक्रेता और निर्माता अपने कर्मचारियों को त्वरित निकासी प्रक्रिया की जानकारी दें। दुर्घटना की स्थिति में घायलों को तुरंत चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जाए। पटाखों की मजबूत पैकिंग और सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित किया जाए तथा उन्हें ज्वलनशील पदार्थों या ईंधन से दूर रखा जाए। खराब या नमी वाले पटाखों को सुरक्षित तरीके से नष्ट किया जाए।
प्रशासन ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि राहत आयुक्त कार्यालय और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी एडवाइजरी का अक्षरशः पालन सुनिश्चित कराया जाए, ताकि दीपावली पर्व पर किसी भी प्रकार की दुर्घटना से जन-धन की हानि न हो सके और उत्सव का पर्व सुरक्षित एवं शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो।